मनसा देवी : मनसा देवी सर्प और कमल पर विराजित दिखाया जाता है। कहते हैं कि 7 नाग उनके रक्षण में सदैव विद्यमान हैं। उनकी गोद में उनका पुत्र आस्तिक विराजमान है। कहते हैं कि वे वासुकी की बहन है। आस्तिक ने ही वासुकी को सर्प यज्ञ से बचाया था। इनका प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार में स्थापित है जोकि एक शक्तिपीठ है।
कामाख्या देवी : कामाख्या देवी की सवारी भी सर्प है। 51 शक्तिपीठों में से एक कामाख्या देवी शक्तिपीठ असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या में है। यह शक्तिपीठ तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। कामाख्या से 10 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। यहीं भगवती की महामुद्रा (योनि-कुण्ड) स्थित है। यह देवी माता सती का ही एक रूप है।