(1) 'ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ह्री सा।
बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति।।'
11,000 या सवा लाख जप कर हवन करें। नित्य एक माला करते हुए अपने सुंदर व्यक्तित्व की मन में कल्पना करें। लाल आसन, वस्त्र या पुष्प का प्रयोग करें। सरल व सटीक प्रयोग है।
(2) 'ॐ चामुण्डे ज्वल-ज्वल प्रज्वल-प्रज्वल स्वाहा।'
दस हजार जप मन ही मन करें। स्त्री-पुरुष दोनों में समान रूप से कार्य करता है।