नवरात्रि दिन दसवां (दशमी), 8 अक्टूबर 2019, (मंगलवार) : दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी।
इन दिनों लोग अपने घर में जौ (जवारे) बोते हैं आइए जानते हैं इसके पीछे क्या मान्यता है...
इसलिए बोई जाती है जौ: धर्मग्रन्थों के अनुसार सृष्टि की शुरूआत के बाद पहली फसल जौ ही हुई थी, इसलिए देवी-देवताओं की पूजा के समय हवन में जौ चढ़ाई जाती है। मान्यता अनुसार जौ बोने के पीछे प्रमुख कारण यही है कि जौ अन्न ब्रह्म है और हमें अन्न का सम्मान करना चाहिए।
नवरात्रि के पर्व के दौरान बोई गई जौ से भविष्य से संबंधित कुछ बातों के संकेत मिलते हैं। इस दौरान जौ का तेजी से और अच्छी तरह से बढ़ना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि कि नवरात्रि में जैसे-जैसे जौ बढ़ती है घर में मां की कृपा उतनी ही बढ़ती है। साथ ही यह जितनी हरी-भरी होगी घर में उतनी ही समृद्धि आएगी।
नवरात्रि में जौ बोने से मिलते हैं ये संकेत: बोया गया जौ दो से तीन दिन में ही अंकुरित हो जाता है, लेकिन अगर यह न उगे तो इसे भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जाता यानि कड़ी मेहनत के बाद ही किसी काम में सफलता हासिल होगी।
अगर जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो इसका मतलब आने वाला साल का आधा समय ठीक रहेगा।
यदि उगाई गई जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला है तो इसका अर्थ है कि साल का शुरूआत में समय अच्छे से बीतेगा, लेकिन बाद में कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।
अगर बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है। यह इस बात का संकेत देता है कि आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा।
विशेष : ऐश्वर्य और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए नवरात्रि में 9 दिनों तक हर तरह का शाही मेवा मां को अवश्य चढ़ाना चाहिए। शाही मेवा : काजू, बादाम, अखरोट, मखाने, पिस्ता, चारोली,किशमिश,मूंगफली,अंजीर..