प्रत्येक देवी और देवताओं की आराधना और मंत्र जपने के लिए अलग अलग मालाओं का उपयोग किया जाता है। जैसे शिवजी के मंत्र जपने हेतु रुद्राक्ष या मोती की माला, विष्णुजी के लिए तुलसी की माला, सूर्यदेव के लिए वैजयंती या माणिक्य की माला, लक्ष्मी उपासना हेतु कमलगट्टे की माला, ब्रह्माजी की आराधना हेतु स्फटीक की माला का उपयोग किया जाता है उसी तरह माता दुर्गा की उपासने हेतु दो तरह की मालाओं का उपयोग करते हैं।