शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा का मं‍त्र जप करना है तो इस माला से करें

प्रत्येक देवी और देवताओं की आराधना और मंत्र जपने के लिए अलग अलग मालाओं का उपयोग किया जाता है। जैसे शिवजी के मंत्र जपने हेतु रुद्राक्ष या मोती की माला, विष्णुजी के लिए तुलसी की माला, सूर्यदेव के लिए वैजयंती या माणिक्य की माला, लक्ष्मी उपासना हेतु कमलगट्टे की माला, ब्रह्माजी की आराधना हेतु स्फटीक की माला का उपयोग किया जाता है उसी तरह माता दुर्गा की उपासने हेतु दो तरह की मालाओं का उपयोग करते हैं।
 
 
चंदन की माला : चंदन दो प्रकार के पाए जाते हैं रक्त एवं श्वेत। मां दुर्गा की उपासना रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। दुर्गा उपासना के लिए ॐ दुर्ग दुर्गाय नम: का मंत्र का जप करने से यह बहुत ही जल्द सिद्ध हो जाता है।
 
हल्दी की माला : हल्दी की माला से पीताम्बरा देवी मां बगलामुखी, भगवान गणेश और बृहस्पति देव के सभी मंत्रों का जप कर सकते हैं। यदि बगलामुखी मंत्र का जाप करते हैं तो शत्रु बाधा निवारण होगा।
 
काली हल्दी : यदि कमलगट्टे की माला से माता कालिका की पूजा या जप किया जाता है तो शत्रुओं पर विजयी होता है। मां काली की उपासना के लिए काली हल्दी अथवा नील कमल की माला का प्रयोग भी करना चाहिए। पहला : ॐ कालिके नम:। दूसरा : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।
 
स्फटीक की माला : कहते हैं कि मां अम्बा का मंत्र स्फटीक की माला से जपने से सिद्धियां प्राप्त होती है।

ALSO READ: जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी : पढ़ें मां दुर्गा की दिव्य आरती

ALSO READ: Picture Story : नवरात्रि में उपवास के 10 नियम

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी