क्यों नर्वस हैं भारत का सबसे पहला मतदाता...

शनिवार, 3 मई 2014 (18:03 IST)
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काल्पा (किन्नौर)। स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के काल्पा निवासी 97 वर्षीय श्याम नेगी को प्रदेश निर्वाचन आयोग 7 मई को क्षेत्र में मतदान के दौरान उनका शानदार तरीके से स्वागत और उन्हें सम्मानित करने की तैयारी कर रहा है लेकिन इस बार मतदान को लेकर वे थोड़ा नर्वस हैं।

1951 से लेकर आज तक किसी भी चुनाव में मतदान से नहीं चूकने वाले सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्याम नेगी भावी सरकार के बारे में कहते हैं कि केंद्र में ऐसी सरकार बने जो ईमानदारी से काम करे।

आजाद भारत में अटल बिहारी वाजपेयी को बेहतरीन प्रधानमंत्री मानने वाले श्याम नेगी 7 मई को लेकर काफी नर्वस हैं। उन्होंने अपने गांव काल्पा से फोन पर बताया कि 7 मई को सुना है कि मीडिया के बहुत से लोग आएंगे। थोड़ा नर्वस महसूस कर रहा हूं कि इतने लोगों का सामना कैसे करूंगा?

जब उन्हें यह बताया गया कि यू ट्यूब पर उनके वीडियो को 27,96,388 लोग देख चुके हैं तो उन्होंने कहा कि लोगों का इतना प्यार मिलने से वे बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। किन्नौर के उपायुक्त डीडी शर्मा ने उन्हें सूचित किया है कि 7 मई को मतदान के दिन उनका बेहद शानदार तरीके से स्वागत किया जाएगा।

देश में अधिकतर समय कांग्रेस का शासन रहने के कारण वे अभी तक हुए विकास का श्रेय कांग्रेस सरकारों को देते हैं लेकिन अगली सरकार के सवाल पर कहते हैं कि ऐसी सरकार बने, जो थोड़ा ईमानदारी से काम करे।

1947 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद देश में पहले आम चुनाव 1952 में हुए थे लेकिन दुर्गम पहाड़ियों और समुद्र तल से 10 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित किन्नौर क्षेत्र में भारी बर्फबारी के मौसम को देखते हुए यहां बाकी देश से करीब 4 महीने पहले ही मतदान करा लिया गया था।

9वीं कक्षा पास कर अध्यापन के पेशे को अपनाने वाले श्याम नेगी 1951 में बतौर मतदान अधिकारी काल्पा मतदान केंद्र पर तैनात थे।

हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि मतदान अधिकारी सामान्यत: सबसे पहले मतदान करते हैं, क्योंकि उन्हें बाद में मतदान संपन्न कराना होता है। इसी के तहत मास्टरजी (नेगीजी) ने सबसे पहले मतदान किया और वे इतिहास में स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता के रूप में दर्ज हो गए।

गूगल सर्च इंजन द्वारा अपने ‘प्लेज फॉर वोट अभियान के तहत श्याम नेगी पर वीडियो फिल्म बनाए जाने के बाद तो वे जैसे पूरे देश के लिए हीरो बन गए।

1951 के बाद से शनिवार को तक पंचायत से लेकर लोकसभा तक के सभी चुनावों में मतदान करने वाले नेगी इस वीडियो फिल्म में बच्चों को मतदान का महत्व समझाते नजर आते हैं।

10वीं कक्षा में पढ़ने वाले उनके पोते आकाश ने बताया कि दादाजी बेहद अनुशासनप्रिय, समय के पाबंद और मजबूत इच्छाशक्ति वाले हैं। उनकी पूरी दिनचर्या और खानपान अनुशासित है। वे रात का खाना खाकर रेडियो पर समाचार सुनते हैं और 8 बजे सोने चले जाते हैं।

उनके पोते ने बताया कि गूगल वीडियो के बाद वे बेहद लोकप्रिय हो गए हैं और जहां पहले महीने में कोई एकाध फोन आता था तो अब हर दिन उनके लिए कई बार फोन की घंटी बजती है। देश-विदेश का मीडिया उनसे बात करना चाहता है।

बहरहाल, वे बार-बार एक ही जैसे सवालों के जवाब दोहराते-दोहराते कई बार थक जाते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं। आकाश बताते हैं कि उन्हें शोर-शराबा बिलकुल पसंद नहीं है और इसीलिए वे टेलीविजन भी नहीं देखते हैं।

1 जुलाई को 98 साल के होने जा रहे नेगी जिंदगी की सेंचुरी बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। मतदान के महत्व पर वे कहते हैं कि मतदान प्रत्येक नागरिक का सबसे पवित्र धर्म है। यह देश की समृद्धि का रास्ता तय करता है। इस उम्र में भी वे बिना चश्मे के समाचार पत्र और किताबें पढ़ते हैं तथा बिना छड़ी के सहारे के चलते हैं। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट के तहत आने वाले काल्पा गांव में 7 मई को मतदान होना है।

वे कहते हैं कि पिछले लगभग 60 सालों में अधिकतर समय देश पर कांग्रेस का शासन रहा और इसलिए सारे विकास का श्रेय पार्टी को जाता है।

इस सवाल पर कि इस बार किसे वोट देंगे, वे इसका खुलासा नहीं करते लेकिन भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के बारे में कहते हैं कि आजकल गुजरात के विकास और नरेन्द्र मोदी के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है। मुझे लगता है कि हमें भाजपा को एक मौका देना चाहिए। उन्होंने गुजरात में काफी विकास किया है तो वे देश को भी आगे ले जा सकते हैं इसलिए उन्हें एक मौका देकर देखना चाहिए।

श्याम नेगी को टेलीविजन देखना पसंद नहीं है और देश-दुनिया की ताजातरीन राजनीतिक घटनाओं तथा अन्य सूचनाओं से खुद को अवगत रखने के लिए वे रेडियो सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। (भाषा)

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