अमेठी में नाराजी, 25000 नहीं देंगे वोट

शनिवार, 3 मई 2014 (13:18 IST)
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लखनऊ। लगातार आने वाली बाढ़ ने राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी संसदीय क्षेत्र के 29 गांवों के लोगों ने एक कड़ा फैसला लिया है। इन गांवों के 25 हजार मतदाताओं का कहना है कि वे सात मई को होने वाले मतदान में अपने वोट नहीं डालेंगे। इन गांव वालों का कहना है कि उन्होंने नेताओं से बार-बार कहा कि बाढ़ से होने वाले उनके नुकसान को रोकने की कोशिश की जाए, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है और मजबूरी में चुनाव का बॉयकाट कर रहे हैं।

इस क्षेत्र के एक मतदाता और नागरिक कलीम अनवर का कहना है कि हर वर्ष मानसून में हमारी फसलें बर्बाद होती हैं और कोई भी हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता है। इसलिए इन चुनावों को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र की खराब स्थितियों को देखते हुए चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशी उनके गांवों में भी नहीं आते हैं। यह गांव सीएसएम नगर (छत्रपति शाहूजी महाराज नगर) और सुल्तानपुर के बीच स्थित हैं इसलिए दोनों ही जिलों के अधिकारी संकट में हमें अधर में छोड़ देते हैं।

डेली मेल ऑनलाइन में प्रकाशित एक समाचार के मुताबिक अमेठी (जिसका कुछ समय के लिए नाम छत्रपति शाहूजी महाराज नगर कर दिया गया था) संसदीय सीट में 722 गांव हैं। ‍क्षेत्र के निवासियों का कहना था कि पहले हम लोग सुल्तानपुर का हिस्सा थे, लेकिन बाद में हमारे गांवों को सीएसएम नगर में शामिल कर दिया गया। इस जिले को 2008 में बनाया गया था। इस फैसले का लोगों ने विरोध किया क्योंकि उनका कहना था क्योंकि उस समय जिले का मुख्यालय गौरीगंज हमारे गांवों से 50 किमी की दूरी पर था, जबकि सुल्तानपुर जिले का मुख्यालय हमसे केवल 20 किमी की दूरी पर था।

क्षेत्र के एक नागरिक उमाकांत तिवारी का कहना है कि उस समय हमारे अनुरोध को अनसुना कर दिया गया। अब हमारे पास विकल्प नहीं हैं इसलिए हमने चुनावों का ही बहिष्कार करने का फैसला किया है। उनका आगे कहना है कि नेताओं को (उन्हें) हमारी समस्याओं की जानकारी है, लेकिन उनके पास हमारा सामना करने का साहस नहीं है।

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