अहमदाबाद। वर्ष 2011 में नरेंद्र मोदी के टोपी पहनने से इंकार करने के बाद चर्चा में आए मुस्लिम मौलाना इमाम मेंहदी हसन बाबा समेत अन्य भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के विरोध में वाराणसी में प्रचार करेंगे।
मोदी के विकास संबंधी ‘दावों’ की पोल खोलने के लिए पवित्र शहर की ओर अन्य लोग जो जाएंगे, उसमें गुजरात से 'आप' और कांग्रेस के नेता भी हैं जो अब चुनावी कार्यों से मुक्त हो चुके हैं। यहां पर 30 अप्रैल को मतदान हो चुका है।
इमाम मेंहदी हसन ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी) सदभावना नहीं दिखाई। वर्ष 2002 के दंगे के दौरान वह मुख्यमंत्री थे और अब उनके समर्थक हर-हर महादेव के स्थान पर हर-हर मोदी के नारे लगा रहे हैं। मेरे जैसा एक सूफी संत निराश है।’ मोदी ने अपने सदभावना उपवास के दौरान टोपी पहनने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।
उन्होंने कहा, ‘गुजरात में मेरी और मेरे समुदाय की आवाज दबाई गई, लेकिन मैं वाराणसी में मोदी के सांप्रदायिक व्यवहार के खिलाफ अपनी आवाज उठाऊंगा।’ (भाषा)