रायबरेली : विरोधियों ने साधा सोनिया पर निशाना

गुरुवार, 24 अप्रैल 2014 (17:43 IST)
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रायबरेली। नेहरू-गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले उत्तरप्रदेश की रायबरेली सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिद्वंद्वी उन पर शहर के आधे-अधूरे विकास को लेकर निशाना साध रहे हैं, जहां से वे चौथी बार चुनावी समर में हैं।

रायबरेली में शैक्षणिक संस्थान तो है लेकिन प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। यहां 4 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं लेकिन सड़कें काफी खराब स्थिति में हैं। ये कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जो अवध के इस ऐतिहासिक क्षेत्र में 14 लाख मतदाताओं के समक्ष महत्वपूर्ण विषय होंगे, जहां 30 अप्रैल को चुनाव होने हैं।

भाजपा उम्मीदवार अजय अग्रवाल ने कहा कि आपको सड़कों पर गहरे गढ्ढे मिलेंगे। सड़कों की हालत काफी खस्ता है और यह मोटरगाड़ी चलाने योग्य नहीं है। अगर आप गांव में जाते हैं तब आपकों अधिकांश ऐसे घर मिलेंगे, जो मिट्टी के बने हैं।

सोनिया के प्रतिद्वंद्वी ने कहा कि रायबरेली में 2,700 करोड़ रुपए की लागत से रेल कोच फैक्टरी का निर्माण हुआ है लेकिन युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे स्थानों पर जाना पड़ता है।

बहरहाल, कांग्रेस नेता इस तरह की आलोचनाओं से बेफ्रिक रहे और उन्होंने भरोसा व्यक्त किया है कि सोनिया लगातार चौथी बार सीट पर जीत दर्ज करेंगी।

कांग्रेस नेता दिनेश सिंह ने कहा कि सोनिया यहां किसी उम्मीदवार से मुकाबला नहीं कर रही हैं बल्कि वे अपनी जीत के अंतर से मुकाबला कर रही हैं। हमें विश्वास है कि यह बढेगा।

सोनिया गांधी ने पहली बार यहां से 2004 में चुनाव लड़ा था और उनका वोट प्रतिशत 58.75 था। 2006 में लाभ के पद से जुड़े विवाद के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और पुनर्मतदान में उनके वोट का प्रतिशत 72 था।

2009 के चुनाव में उन्होंने अपने जीत के अंतर को बरकरार रखा और इस बार उनका वोट प्रतिशत 72.23 दर्ज किया गया।

विकास के मुद्दे पर सोनिया गांधी के रिकॉर्ड की आलोचना करते हुए बसपा के उम्मीदवार परवेश सिंह ने कहा कि जिले के सारेनी ब्लॉक में सिंचाई की गंभीर समस्या है। नहर का पानी यहां नहीं पहुंच पाता है। इसके अलावा पेयजल और खराब सड़कों की समस्या सभी स्थानों पर देखने को मिलती है।

भाजपा उम्मीदवार अग्रवाल ने हालांकि कहा कि सपा उम्मीदवार ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी और यहां के लोग बसपा से भी नाराज हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि इस बार रायबरेली में कांग्रेस विरोधी वोट और मोदी लहर का लाभ मिलेगा। समय बदल गया है।

उन्होंने दावा किया कि शहर के 5 किलोमीटर के बाहर बिजली की कमी महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा नहीं है लेकिन पिछले 10 वर्षों के दौरान 800 छोटे और मध्यम आकार की फैक्टरियां बंद हो गई हैं। इसके अलावा आधी बड़ी फैक्टरियां बंद हो गई हैं।

विपक्षी साफ-सफाई की कमी के मुद्दे को भी उठा रहे हैं, जहां प्रियंका गांधी इन चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही हैं। (भाषा)

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