मोदी का उपवास, अमेरिका को आए चक्कर...

वॉशिंगटन। जब मेहमान कोई आम शख्स नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का मुखिया हो और मेजबान भी कोई छोटा-मोटा आदमी नहीं बल्कि दुनिया के सबसे समृद्ध देश का राष्ट्रपति हो और फिर भी मेहमाननवाजी में पेंच फंस जाए तो वाकई चक्कर खाने वाली बात है। इस संकट में इस बार उलझे हैं अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के सम्मान में अपने आवास व्हाइट हाउस में 29 सितंबर को रात्रिभोज का आयोजन कर रखा है।
 
लजीज व्यंजनों की पूरी फेहरिस्त तैयार है जिसमें भारतीय से लेकर कॉन्टिनेंटल तक हर तरह के व्यंजन शामिल हैं। लेकिन मुश्किल इस बात की आ गई है कि मोदी नवरात्र के अवसर पर 9 दिनों के उपवास पर हैं और इसी दौरान उनका यह अमेरिका दौरा भी चल रहा है।
 
हालांकि व्हाइट हाउस में भोज का आयोजन करने वाले अधिकारियों ने कहा है कि मोदी के उपवास से कोई बड़ी अड़चन नहीं आने वाली लेकिन वे यह नहीं बता पा रहे कि आखिर उपवास पर रहने वाले मोदी को वे क्या परोसेंगे?
 
इस बात का भी खुलासा नहीं किया गया है कि जब मेहमान कुछ नहीं खाए तो फिर मेजबान ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा मोदी के सामने बैठकर खाना कैसे खाएंगे?
 
यह दुविधा सिर्फ व्हाइट हाउस के लिए नहीं होगी बल्कि 30 तारीख को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जो बिडेन और रक्षामंत्री जॉन कैरी की ओर से मोदी के लिए विदेश मंत्रालय में आयोजित दिन के भोज में भी यह दुविधा बनी रहेगी कि आखिर मेहमान को क्या खिलाया जाए?
 
खास मौकों पर विशेष तरह के भोज आयोजित करने के लिए सलाहकार सेवा देने वाली अमेरिकी विशेषज्ञ जैकलिन व्हाइटमोर का कहना है कि यह टेबल मैनर्स यानी खाने के दौरान प्रदर्शित किए जाने वाले शिष्टाचार के खिलाफ है कि एक व्यक्ति खाना खाए और दूसरा उसके साथ चुपचाप बैठा रहे। ऐसे में उपवास पर रहने वाले मेहमान को भोज पर आमंत्रित किया जाना वाकई बड़ी हैरानी वाली बात लगती है।
 
हालांकि इन दुविधाओं को जानते हुए भी मोदी ने भोज का आमंत्रण स्वीकार किया है और संभवत: वे इस भोज में नींबू-पानी पीकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। (वार्ता)

वेबदुनिया पर पढ़ें