'वक्त की हर शै गुलाम, वक्त का हर शै पर राज...आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे...भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर हिन्दी फिल्म का यह गाना काफी सटीक बैठता है। 1994 में नरेन्द्र मोदी अमेरिका गए थे, तब वे व्हाइट हाउस भी देखने गए थे। उस समय किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी (संभवत: नरेन्द्र मोदी ने भी नहीं) व्हाइट हाउस के बाहर खड़ा यह शख्स महज 20 साल बाद इस स्थिति में पहुंच जाएगा कि व्हाइट हाउस खुद उसका इंतजार करेगा। इसे वक्त का खेल भी कह सकते हैं और किस्मत का करिश्मा भी।