महंगाई की मार, बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

शनिवार, 31 अगस्त 2013 (20:06 IST)
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने और कमजोर पड़ते रुपए को देखते हुए शनिवार को पेट्रोल का दाम 2.35 रुपए और डीजल का दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया। पेट्रोल के दाम में पिछले तीन महीने में यह छठी वृद्धि है।

पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल ने यह घोषणा की है। मूल्यवृद्धि आज मध्यरात्रि से प्रभावी होगी। कंपनी के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दाम में की गई इस वृद्धि में वैट शामिल नहीं है। वास्तविक मूल्य वृद्धि वैट सहित अधिक होगी और विभिन्न शहरों में अलग-अलग होगी।

दिल्ली में इस वृद्धि के बाद वैट सहित पेट्रोल के दाम 2.83 रुपए बढ़कर 74.10 रुपए लीटर हो जाएंगे, जबकि मुंबई में यह 78.61 रुपए से बढ़कर 81.57 रुपए लीटर होगा। जून के बाद से पेट्रोल के दाम में यह लगातार छठी वृद्धि होगी। इस दौरान पेट्रोल के दाम कुल 9.17 रुपए लीटर तक बढ़ चुके हैं। हालांकि इस वृद्धि में वैट शामिल नहीं है। वैट को भी शामिल किया जाए तो दिल्ली में एक जून से अब तक पेट्रोल 11 रुपए लीटर महंगा हो चुका है।

डीजल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। वैट यानी मूल्यवर्धित कर सहित यह वृद्धि 57 पैसे की होगी। दिल्ली में इस वृद्धि के साथ डीजल का दाम 51.97 रुपए लीटर होगा। मुंबई में यह 58.86 रुपए लीटर बिकेगा। सरकार ने जनवरी में तेल कंपनियों को हर महीने डीजल के दाम में हल्की वृद्धि करने की अनुमति दी थी।

50 रुपए तक बढ़ सकते हैं एलपीजी के दाम... अगले पन्ने पर...


सुत्रों के अनुसार अभी भी डीजल के दाम 3 से 5 रुपए, केरोसीन का दाम 2 रुपये लीटर तथा घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपए सिलेंडर तक बढ़ सकते हैं।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उनसे सस्ते डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री से तेल कंपनियों को होने वाले 1,80,000 करोड़ रुपए के अनुमानित नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।

मोइली ने इससे पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। उन्होंने, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मूल्य वृद्धि के बिना सरकार को रिकार्ड 97,500 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी करनी होगी।

मोइली ने कहा है कि यदि मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो पेट्रोलिमय पदार्थों के मामले में चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल राजस्व नुकसान 1,80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा जोकि इससे पिछले साल 1,61,000 करोड़ रुपए पर रहा था।’ (भाषा)

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