कैट का बदलता स्वरूप

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मैनेजमेंट से जुड़े प्रत्येक छात्र का ख्वाब होता है कैट क्लियर करना। कैट क्लियर करने के बाद ही देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर मैनेजमेंट स्टडीज (आईआईएमएस) के अलावा देश के किसी भी अन्य प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थानों में प्रवेश मिलता है।

कैट संदर्भ में एक बात कही जाती है कि इसका पैर्टन अनिश्चित है और किसी भी सेक्शन में कोई भी प्रश्‍न पूछा जा सकता है। कैट की तैयार के लिए जाना-माना नाम पीटी (प्रोफेशनल ट्‍यूटोरियल्स) की लेंगवेज फेकल्टी दीर्घा ने बताया कि यूँ तो किसी ग्राफ का लेंग्वेज से कोई संबंध नहीं है, लेकिन अगर लेंगवेज के पेपर में ग्राफ पूछ लिया जाए तो कोई हैरत की बात नहीं होगी। दीर्घा ने कैट स्‍टूडेंट्‍स को किसी भी तरह के सवाल के लिए तैयार रहने की सलाह दी।

कैट में स्कोरिंग के लिए कोई निश्चित मूल मंत्र नहीं है। कैट के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है और यह मेहनत भी सही दिशा में होनी चाहिए। कैट के लिए डिटेल स्टडीज की जरूरत तो होती ही है साथ ही अपने ज्ञान को निर्धारित समय में नियोजित तरीके से प्रदर्षित करने की कला भी महत्वपूर्ण है।

कैट पार करने के लिए इसके तीनों सेक्शन के कटऑफ क्लियर करना जरूरी है साथ ही तीनों सेक्शन के ओवरऑल कटऑफ से भी पार पाना होता है। इस वर्ष 18 नवंबर को होने वाली कैट एक्जाम में वर्बल सेक्शन का कटऑफ अन्य दो सेक्शन के कटऑफ से कम है। ऐसा कैट के इतिहास में पहली बार हो रहा है।

कैट एक्जाम के लिए खास टिप्स-

1. डिटेल स्टडीज के साथ खाली समय में भी रीजनिंग की लगातार प्रैक्टिस करते रहें और एक्जाम से कम से कम 2-3 दिन पहले ही सिलेबस पूरा कर लें।

2. कैट के लिए सिलेक्टिव स्टडीज जैसा कोई मंत्र नहीं है। कौन सा सवाल कहाँ से पूछ लिया जाए, यह तय नहीं है। जो भी टॉपिक पढ़ें, डिटेल में जरूर जाएँ।

3. एक्जाम हॉल में पूरी तरह तनावमुक्त होकर जाएँ। अपना विश्वास अंत तक बनाए रखें और योजनाबद्ध तरीके से पेपर हल करें।

4. पहले तुलनात्मक रूप से आसान सवालों को हल करें और कठिन सवालों को देखकर घबराए नहीं।

5. पूरे सेशन में जिस योजना से आपने कैट की तैयारी की है, ऐन वक्त पर उसे न बदलें। ऐसा करने से आपका विश्वास कम हो सकता है।

6. रीजनिंग सेक्शन में अगर कोई प्रश्‍न नहीं बन पा रहा हो तो उसे बार-बार पढ़ें और उसके आशय को समझें। पूरे समय धेर्य बनाए रखें और झुंझलाहट को खुद पर हावी न होने दें।

कैट के पिछले कुल सालों के पैटर्न के मुताबिक उसमें मौटे तौर पर कुल 150 प्रश्‍न पूछे जाते हैं और इनके लिए 120 मिनट निर्धारित होते हैं। कैट एक्जाम का कोई तय पैटर्न नहीं है, बल्कि यह हर साल बदलता है, लेकिन कैट एक्जाम के तीन सेक्शन जिन बुनियादी बिंदुओं पर निर्धारित किए जाते हैं, वे इस तरह हैं-

वर्बल एबिलिटी
रीडिंग कम्प्रेहेंसिव
प्रॉब्लम सॉल्विंग
डाटा इंटरप्रिटेशन
लॉजिकल रीजनिंग
डाटा सफिशिएंसी
मैथ्स प्रॉब्लम

इनके अलावा कोई अन्य बिंदु या तो जोड़ा जा सकता है या मौजूदा फील्ड किसी दूसरे बिंदू के साथ जोड़ सकते हैं।

कैट एक्जाम के पिछले कुछ सालों के पैर्टन-

वर्ष- 2001

कुल प्रश्‍न- 150
निर्धारित समय- 120 मिनट
सेक्शन 1 से कुल 50 प्रश्‍न- 20 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी, 30 प्रश्‍न रीडिंग कम्प्रेहेंसिव
सेक्शन 2 से 50 प्रश्‍न- 50 प्रश्‍न प्रॉब्लम सॉल्विंग
सेक्शन 3 से 50 प्रश्‍न- 31 प्रश्‍न डाटा इंटरप्रिटेशन, 19 प्रश्‍न लॉजिकल रीजनिंग

वर्ष- 2002

कुल प्रश्‍न- 150
निर्धारित समय- 120 मिनट
सेक्शन 1 से कुल 50 प्रश्‍न- 40 प्रश्‍न डाटा इंटरप्रिटेशन, 10 प्रश्‍न लॉजिकल रीजनिंग
सेक्शन 2 से 50 प्रश्‍न- 50 प्रश्‍न प्रॉब्लम सॉल्विंग
सेक्शन 3 से कुल 50 प्रश्‍न- 25 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी, 25 प्रश्‍न रीडिंग कम्प्रेहेंसिव

वर्ष- 2003

कुल प्रश्‍न- 150
निर्धारित समय- 120 मिनट
सेक्शन 1 से कुल 50 प्रश्‍न- 25 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी, 25 प्रश्‍न रीडिंग कम्प्रेहेंसिव
सेक्शन 2 से 50 प्रश्‍न- 30 प्रश्‍न डाटा इंटरप्रिटेशन, 20 प्रश्‍न लॉजिकल रीजनिंग
सेक्शन 3 से 50 प्रश्‍न- 50 प्रश्‍न प्रॉब्लम सॉल्विंग

प्रश्‍न
वर्ष- 2004
कुल प्रश्‍न- 123
पूर्णांक- 150
निर्धारित समय- 120 मिनट
सेक्शन 1 से कुल 38 प्रश्‍न- 20 प्रश्‍न डाटा इंटरप्रिटेशन (प्रत्येक एक अंक)
6 प्रश्‍न डाटा सफिशिएंसी (प्रत्येक एक अंक)
12 प्रश्‍न लॉजिकल रीजनिंग (प्रत्येक दो अंक)

सेक्शन 2 से 50 प्रश्‍न- 20 प्रश्‍न मैथ्स प्रॉब्लम (प्रत्येक एक अंक)
15 प्रश्‍न मैथ्स प्रॉब्लम (प्रत्येक दो अंक)

सेक्शन 3 से 50 प्रश्‍न- 10 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी (प्रत्येक 1/2 अंक)
14 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी (प्रत्येक 1 अंक)
5 प्रश्‍न वर्बल एबिलिटी (प्रत्येक 2 अंक)
21 प्रश्‍न रीडिंग कम्प्रेहेंसिव (प्रत्येक एक अंक)

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