कैट : ग्रुप डिस्कशन में मारें बाजी

सत्या दुबे
सेंटर मैनेजर, पीटी एजुकेशन, पुण

ग्रुप डिस्कशन का वास्तविक अर्थ क्या होता है? जवाब है आठ-दस लोगों का ऐसा समूह, जिसमें कोई लीडर नहीं होता और इसके सभी सदस्य विशेष परिस्थिति में किसी विषय पर दिए गए समय में अपने आकलन और विचार प्रस्तुत करते हैं।

ग्रुप डिस्कशन में भाग लेने वाले सदस्यों की संख्या और इसके लिए निर्धारित समय परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं। ग्रुप डिस्कशन के दौरान मोडेरेटर पेनल प्रतिभागी पर जिन बिंदुओं के तहत ध्यान देते हैं, वे इस प्रकार हैं।

1. लीडरशिप एबिलिटी- मोडेरेटर पेनल आब्सर्व करता है कि केंडिडेट इनिशेटिव लेता है या नहीं, उसमें दिशा देने की कितनी क्षमता है? क्या वह आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेता है? ग्रुप में लोगों से उसका कॉर्डिनेशन कैसा है? वह लक्ष्य के प्रति कितना सजग है?

2. नॉलेज- इसके अंतर्गत यह देखा जाता है कि केंडिडेट की सब्जेक्ट पर पकड़ कितनी है। इसके अलावा वह अपने खुद के विचार कैसे समाहित करता है।

3. एनालिटिकल एबिलिटी- यह बहुत मायने रखता है ‍कि आप एनालिटिकली कितने सक्षम हैं। आप आर्गुमेंट को कैसे इस्तेमाल करते हैं और आपके लॉजिक में कितना दम है।

4. कम्युनिकेशन- यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें आपकी फ्लुएंसी, विचारों में स्पष्टता, प्रजेंटेशन स्किल्स, लिसनिंग एबिलिटी, आपका दृष्टिकोण और बॉडी लेंग्वेज देखी जाती है।

5. ग्रुप बिहेवियर- मोडेरेटर पेनल यह भी ऑब्सर्व करता है कि ग्रुप में आपका बिहेव कैसा है। कहीं आप ओवर एग्रेसिव तो नहीं हैं? दूसरों पर बिना वजह हावी होने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं? सेंसेटिव टॉपिक पर आपकी भाषा कैसी है?

ग्रुप डिस्कशन में सफल होने के लिए जरूरी है कि आप ग्रुप में एक टीम प्लेयर की तरह रहें। खुद को साबित करने की कोशिश में आप दूसरों की अवहेलना न करें।

आप खुद को कैसे आँकते हैं, यह बात मायने नहीं रखती, बल्कि मायने इस बात के हैं कि मोडेरेटर पेनल आपको कैसे रेट करता है। अगर आप यह बात अपने दिमाग में रखें तो ग्रुप डिस्कशन में आपकी परफार्मेंस आश्चर्यजनक रूप से सुधर जाएगी।

जीडी की शुरुआत कैसे करें-

1. अगर आप जीडी में पहल करते हैं तो उसका फायदा यह है कि आपकी इमेज मोडेरेटर पेनल के समक्ष इनिशेटिव लेने वाले केंडिडेट की बनेगी। इसके अलावा दूसरी बार बोलने के लिए आपको पर्याप्त समय मिलेगा, जिसका आप बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. डिस्कशन शुरू करके आप ग्रुप को दिशा देंगे, जबकि ग्रुप के शेष लोग डिस्कशन के टॉपिक को ही टटोलते रहेंगे।

3. डिस्कशन की शुरुआत तभी करें जब आप दिए गए टॉपिक पर कुछ सेंसिबल बोल सकें, अन्यथा खामोश रहना ही उचित होगा।

4. जितना बोलें टू द प्वाइंट बोलें और डिस्कशन को तभी समाप्त करें जब मोडेरेटर ऐसा करने को कहें।

5. डिस्कशन को समराइज करने में एक ही बात को न दोहराएँ, बल्कि अपनी बात प्रभावशाली अंदाज में कहें।

6. अगर ग्रुप डिस्कशन के अंत तक डिस्कशन का कोई नतीजा निकल सके तो उसे मेंशन जरूर करें।

इंटरी स्ट्रेटजी- कभी-कभी ग्रुप में अपनी बात शुरू करना मुश्किल होता है। आप तय नहीं कर पाते हैं कि कब बोलने की शुरुआत करें। जीडी में ऐसी सिचुएशन का सामना कैसे करें, इसके लिए कुछ टिप्स नीचे दिए गए हैं।

1. जीडी पर लगातार ध्यान बनाए रखें। हर जीडी में उतार-चढ़ाव आते हैं। आप उतार का इंतजार करें और जैसे ही लगे डिसक्शन कमजोर पड़ रही है, फौरन अपनी बात शुरू कर दें। इससे मोडेरेटर पेनल पर अच्छा असर पड़ेगा।

2. किसी की बात काटकर बीच में न बोलें। तभी बोलना शुरू करें जब आपका साथी अपनी बात कह चुका हो, लेकिन ज्यादा इंतजार भी न करें, वरना आप मौका खो देंगे।

3. ग्रुप डिस्कशन में आप किसी प्वाइंट का समर्थन करते हुए अपनी बात शुरू कर सकते हैं। यह सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। लोग आपको बोलने देंगे अगर आप उनके विचार की सराहना करेंगे।

4. अगर आप धीरे बोलेंगे तो हो सकता है कि लोग आपको हलके में लें। परिस्थिति के अनुसार अगर आप थोड़ा लाउड बोले रहे हैं तो यह समय की माँग है।

ग्रुप डिस्कशन में क्या करें-

* जीतने की भावना रखें
* मोडेरेटर पेनल के निर्देश ध्यानपूर्वक सुनें
* दूसरों को सुनना भी एक आर्ट है
* अपनी बात को घुमाने के बजाय सरल तरीके से कहें
* अपनी डिस्कशन में वेल्यू एड जरूर करें
* जीडी को सही दिशा में आगे बढ़ाएँ
* पूरे समय विनम्र बने रहें।
* अगर किसी बात से सहमत नहीं हैं तो उसके पक्ष में तथ्य पेश करें
* ग्रुप से आई कॉन्टेक्ट बनाए रखें

ग्रुप डिस्कशन में क्या न करें-

* जीडी में व्यवधान न डालें
* खुद को मोनोपोलाइस करने की कोशिश न करें
* पेनल को एड्रेस करने की भूल न करें
* हाथों को बाँधकर न रखें
* अपनी बारी आने से पहले न बोलें
* तेजी से बोलने की कोशिश न करें
* किसी की ज्यादा तारीफ करने से बचें
* उत्तेजित न हों

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