कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) एक्जाम इस माह की 18 तारीख को होने वाले हैं। केवल तीन दिन शेष हैं और इस बार भी लगभग दो लाख छात्र आईआईएम में प्रवेश का सपना सँजोकर एक्जाम देंगे। हालाँकि कैट में हर साल की तरह इस साल भी लाखों विद्यार्थी भाग लेंगे, लेकिन इनमें से बहुत कम ही आईआईएम में प्रवेश पा सकेंगे। कहने की जरूरत नहीं है कि इसमें तगड़ा कॉम्पटीशन है।
आईआईएम की प्रतिष्ठा किसी से छुपी नहीं है। यह मैनेजमेंट स्टूडेंट्स का पहला ख्वाब है, लेकिन सालों से कैट की तैयारी कर रहे प्रत्येक छात्र को इसमें प्रवेश मिले, यह भी मुमकिन नहीं। लिहाजा आईआईएम के बाद भी कुछ अन्य प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान हैं, जो कैट में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश देते हैं। ये संस्थान हैं-
1. एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (एसपीजेआईएमआर), मुंबई। 2. मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई), गुड़गाँव। 3. मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन अहमदाबाद (एमआईसीए), अहमदाबाद। 4. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (एनआईटीआईई), मुंबई 5. इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (आईएमआई), नई दिल्ली। 6. अमृता स्कूल ऑफ बिजनेस (एएसबी), कोयंबटूर। 7. टीए पाई मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (टीएपीएमआई), मनीपाल। 8. फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एफएसएम), नई दिल्ली। 9. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद। 10. इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, निरमा यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद। 11. नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट।
कैट का काला दिन- कैट का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है, लेकिन इसमें आज से लगभग तीन साल पहले एक काला धब्बा लग गया। सन 2003 में कैट के पेपर लीक हुए और कैट के इतिहास में पहली बार एक बदनुमा दाग लगा। लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल था, इसलिए पूरे देश में हड़कंप मच गया। बाद में एक्जाम रद्द करवाकर फरवरी में एक बार फिर अयोजित करवाई गई।
सन 2006 में कैट के पैटर्न में अपेक्षा से अधिक परिवर्तन हुआ। इसके अलावा एक्जाम के दौरान पेपरों में प्रिंटिंग एरर से भारी गड़बड़ी हुई थी। आईआईएम ने इस पूरे प्रकरण की जाँच के लिए एक कमेटी बनाई। जाँच के तथ्यों के आधार पर निर्णय लिया गया कि गलत सवालों को इग्नोर कर दिया जाएगा।