फील्ड मार्शल मानेकशॉ का अंतिम संस्कार

शनिवार, 28 जून 2008 (00:13 IST)
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के महानायक फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का पूर्ण सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

17 तोपों की सलामी के साथ ही मानेकशॉ (94) का शव उनकी पत्नी की कब्र के पास दफना दिया गया। मानेकशॉ का अंतिम संस्कार पारसी रीति-रिवाजों से किया गया। उनकी पत्नी सिल्लू का सात साल पहले निधन हो गया था।

बेहतरीन रणनीतिकार और पाकिस्तान के साथ 1971 में हुई जंग में भारत की जीत के शिल्पकार मानेकशॉ की चार दशक की सैन्य सेवा के दौरान उनकी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

प्रधानमंत्री केंद्र सरकार तथा भारत की जनता की तरफ से केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री पल्लम राजू ने उनके शव पर पुष्पचक्र अर्पित किया।

सैम बहादुर के नाम से लोकप्रिय मानेकशॉ का शव वेलिंगटन स्थित मद्रास रेजीमेंट सेंटर परेड ग्राउंड में सुबह सवा 11 बजे से करीब तीन घंटे के लिए रखा गया ताकि लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकें।

इसके बाद शव को एक ताबूत में रखा गया और उसे सेना के एक ट्रक में रखकर वेलिंगटन से करीब 21 किलोमीटर दूर कब्र तक लाया गया।

मानेकशॉ का निधन कल रात साढ़े 12 बजे वेलिंगटन अस्पताल में हुआ। वह विगत कुछ दिनों से फेफड़े की बीमारी से पीड़ित थे। उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया।

अंतिम संस्कार के दौरान कब्रगाह के अंदर आम जनता और मीडिया को जाने की इजाजत नहीं दी गई। क्योंकि मानेकशॉ के परिवार के सदस्य इसे निजी मामले के तौर पर रखना चाहते थे।

श्रद्धांजलि : मानेकशॉ के निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के राज्यपालों एवं मुख्यमंत्रियों और सेना के पूर्व प्रमुखों ने शोक व्यक्त किया। सबने एक स्वर से उन्हें प्रेरणादायी नेता बताया।

तमिलनाडु के खादी मंत्री डी. रामचंद्रन ने राज्य सरकार की तरफ से उनके शव पर पुष्पचक्र रखा। थल, वायु एवं नौसेना के प्रतिनिधियों, रॉयल भूटान आर्मी, बांग्लादेश के तीनों बलों, दक्षिणी कमान और बलों की स्थानीय विंग ने उनके शव पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र ने एक दुर्लभ कदम के तौर पर मानेकशॉ का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। रक्षा मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी मानेकशॉ का पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

तमिलनाडु सरकार ने मानेकशॉ के निधन पर एक दिन के सरकारी शोक की घोषणा की। राज्य में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया। नीलगिरि में शैक्षणिक संस्थाओं को आज बंद रखा गया। (भाषा)
सलाम! सैम बहादुर

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