पहली बार बिहार से कोई मंत्री नहीं

सोमवार, 1 जून 2009 (19:40 IST)
शायद पहली बार ऐसा होगा कि केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में बिहार का कोई मंत्री नहीं है। एकमात्र मंत्री मीरा कुमार ने रविवार को इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव है।

मीराकुमार बिहार से जीतने वाले कांग्रेस के दो सांसदों में से एक हैं। जल संसाधन मंत्री बनाई गईं मीरा ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इस्तीफा
दे दिया है।

पिछली लोकसभा में बिहार से संप्रग सरकार में दस मंत्री थे, जिनमें लोजपा के रामविलास पासवान, राजद के लालू प्रसाद, रघुवंश प्रसाद सिंह, प्रेमचंद गुप्ता (राज्यसभा), अखिलेश प्रसाद सिंह, एमएए फातमी, कांतिसिंह, जयप्रकाश नारायण यादव और कांग्रेस से मीरा कुमार तथा शकील अहमद शामिल थे।

पिछली सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे शकील अहमद इस बार मधुबनी से चुनाव हार गए हैं। लोजपा और राजद ने बिहार में कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा था।

इस बार के चुनाव में जहाँ लोजपा खाता ही नहीं खोल पाई, वहीं लालू सहित राजद केवल चार सीटें जीत पाई है। राजद को इस बार संप्रग सरकार में शामिल नहीं किया गया क्योंकि वह कांग्रेस का चुनाव पूर्व का सहयोगी नहीं था।

केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होने के बारे में पूछने पर लालू ने कहा कि मैं क्या कर सकता हूँ। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि हमने केवल चार सीटें जीतीं और हम मंत्रिपरिषद में नहीं होंगे। जनता ने राजग के उम्मीदवारों यह सोचकर जितवाया कि वे मंत्री बनेंगे, लेकिन वे मंत्री नहीं बन पाए।

इस सवाल पर बिहार में संप्रग के खराब प्रदर्शन के लिए क्या वोटरों को दोषी ठहराएँगे, लालू ने कहा कि मैं मतदाताओं को दोष कैसे दे सकता हूँ। पिछली बार इन्हीं ने हमें चुना था।

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