नक्सलियों के खिलाफ तीन मोर्चों पर लड़ाई

रविवार, 1 नवंबर 2009 (12:40 IST)
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देश के कई हिस्सों में माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर सरकार नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित राज्यों में बहुप्रतीक्षित नक्सल विरोधी पूर्ण अभियान शुरू करेगी।

इस अभियान के लिए जो ‘ट्राई-जंक्शन’ चुने गए हैं, उनमें नक्सल प्रभावित राज्यों को तीन समूहों में बाँटा गया है। ट्राई-जंक्शन में आंध्रप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़, उड़ीसा-झारखंड-छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल-झारखंड-उड़ीसा शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि माओवादियों के खिलाफ जल्द शुरू किए जाने वाले इस अभियान में करीब 40 हजार अर्द्धसैनिक बल सम्बन्धित राज्यों के पुलिस बलों की मदद करेंगे।

इस काम के लिए तैनात किए जाने वाले केन्द्रीय बलों में जंगल में युद्ध करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित करीब 7000 सैनिक भी शामिल होंगे।

कैबिनेट की सुरक्षा संबंधी समिति ने माओवादियों से निपटने की सरकार की नई योजना पर पहले ही अपनी मुहर लगा दी है। इस योजना के तहत नक्सली गतिविधियों से प्रभावित राज्य एक-दूसरे के साथ प्रभावी तालमेल स्थापित करेंगे और पुलिस शीर्ष भूमिका अदा करेगी।

नक्सलरोधी योजना में उन स्थानों पर विकास कार्य कराने के लिए 7300 करोड़ रुपए का पैकेज भी शामिल है, जहाँ से वामपंथी कट्टरपंथियों का सफाया हो चुका है।

अधिकारियों का मानना है कि देश के करीब 40 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्से को चपेट में ले चुकी नक्सली समस्या से 12 से 30 महीने में मुक्ति पाई जा सकती है। करीब 25 लाख लोग नक्सलियों की मुक्त गतिविधियों वाले स्थानों पर रहते हैं।

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