कान फिल्म फेस्टिवल : फिल्मों के सालाना कुंभ की अंतिम शाम

प्रज्ञा मिश्रा
रविवार की शाम कान शहर में फिल्मों के सालाना कुंभ की आखिरी शाम थी। 11 मई को शुरू हुआ यह मेला 21 कॉम्पिटिशन फिल्मों के इर्द गिर्द ही घूमता रहा। ... वैसे तो रेड कारपेट पर कई बड़े नाम आए और खबरों में छाए लेकिन पहले ही दिन से आखिरी दिन कौन जीतेगा यह अंदाज़ शुरू हो जाते हैं।

केन लोच 
 


फेस्टिवल के तीसरे दिन दिखाई गई फिल्म "टोनी अर्डमैन" आखिरी दिन तक पाम डी'ओर अवॉर्ड के लिए क्रिटिक्स की पसंद बनी रही। लेकिन जब अवॉर्ड्स नाईट में रेड कॉरपेट पर फिल्म की टीम नहीं दिखी तो लोगों को शक हो गया था कि इस बार की जूरी की पसंद मीडिया या क्रिटिक्स की पसंद से बहुत अलग होने वाली है।  
 
शाम का पहला अवॉर्ड कैमरा डी'ओर, जो डायरेक्टर की पहली फिल्म के लिए दिया जाता है, फिल्म "डीवाइनस्" के लिए हौदा बेंयमिना को मिला, यह फिल्म डायरेक्टर्स फोर्ट नाईट सेक्शन में दिखाई गई थी। ... 
 
इस शाम ईरान की फिल्म सेल्समैन सबसे ज्यादा खुश रही क्योंकि फिल्म के एक्टर शाहाब हुसैनी को बेस्ट एक्टर और डायरेक्टर असग़र फरहादी को बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवॉर्ड मिला। फेस्टिवल के आखिरी दिन दिखाई गई इस फिल्म का सभी को बहुत इंतज़ार था क्योंकि इसके पहले डायरेक्टर फरहादी की फिल्में "अ सेपरेशन " और "द पास्ट " बहुत पसंद की गई थी। .... लेकिन इस बार वो बात नहीं बनी।  
 
 
कनाडा के फिल्म डायरेक्टर ज़ेवियर डोलान की फिल्म "इट्स ओनली द एन्ड ऑफ़ द वर्ल्ड " को ग्रांप्री अवॉर्ड दिया गया। .. 27 साल के ज़ेवियर इसके पहले 2014 में कान फेस्टिवल में ही अपनी फिल्म "मॉमी " के लिए  जूरी प्राइज जीत चुके हैं। ज़ेवियर की फिल्म को इस साल अच्छे रिव्यु नहीं मिले थे और इस पर उनका जवाब था कि वह लोग फिल्म के बारे में क्या जानते हैं जो ऑफिस में बैठकर डोनट खाते रहते हैं और "फ़ास्ट एंड फ्यूरियस " जैसी फिल्म को अच्छी रिव्यु देते हैं। खैर इस शाम के बाद उनके पास पार्टी करने की ख़ास वजह मिल गई है।  
 
इस साल बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड या कहें डायरेक्टर्स का अवॉर्ड क्रिस्टियन मुंगीउ को "ग्रेजुएशन " और ओलिवियर असायस को "पर्सनल शॉपर" के लिए दिया गया। एक तरफ ग्रेजुएशन को शाम का सबसे बड़ा अवॉर्ड का हक़दार माना जा रहा था वहीं पर्सनल शॉपर को कम ही लोगों ने पसंद किया था। .. 
 
और आखिर में शाम का सबसे ख़ास अवॉर्ड पाम डी'ओर अवॉर्ड दिया गया जिसे देने के लिए ख़ास तौर पर मेल गिब्सन आए थे और यह अवॉर्ड कान फेस्टिवल के वेटरन ब्रिटिश डायरेक्टर केन लोच को फिल्म "आई डेनियल ब्लेक"  के लिए मिला। फेस्टिवल के शुरुआत में ही यह फिल्म दिखाई गई थी और उस दिन शायद ही कोई इंसान था जो सूखी आंखों से हॉल से बाहर निकला था। लेकिन जैसा डायरेक्टर केन लोच ने कहा "जब फिल्म देख कर लोगों ने तारीफ़ की थी तो बहुत ख़ुशी हुई थी लेकिन फिर हम अपनी दुनिया में लौट गए थे।  यहां इस तरह से वापसी होगी सोचा नहीं था "  केन लोच इस से पहले अपनी फिल्म "द विंड देट शेक्स बार्ली " के लिए यह अवॉर्ड जीत चुके हैं। .. 
 
इस साल कई फिल्में और कई कलाकार हैं जो अवॉर्ड के लिए तय माने जा रहे थे लेकिन उनका नाम स्टेज से नहीं पुकारा गया। लेकिन जैसा कहते हैं न कि अभी नहीं मिला तो बाद में और ज्यादा मिलने की उम्मीद है। ऑस्कर अवॉर्ड और कान फिल्म फेस्टिवल के बीच यह अबोला हमेशा से रहा है। इतिहास गवाह है कि कान के 69 साल में मुश्किल से  ही ऐसा हुआ है कि फिल्म को पाम डी'ओर और ऑस्कर अवॉर्ड दोनों मिले हों। 2002  में रोमन पोलंस्की की फिल्म "पियानिस्ट" को दोनों अवॉर्ड मिले थे।  
 
सही मायनों में ऑस्कर अवॉर्ड्स की शुरुआती गुनगुन मई में साउथ ऑफ़ फ्रांस के इस छोटे से शहर से ही शुरू होती है और इस बार भी पैटरसन, टोनी अर्डमैन, लविंग, ऐसे ही कुछ नाम हैं जो साल के अंत में फिर से रेड कारपेट पर दिखाई दे सकते हैं। .. पिक्चर (और अवॉर्ड ) अभी बाकी हैं मेरे दोस्त। 

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