मत रहो घर के अंदर सिर्फ इसलिए कि सड़क पर खतरे बहुत है। चार दीवारियाँ निश्चित करने लगें जब तुम्हारे व्यक्तित्व की परिभाषाएँ तो डरो। खो जाएगी तुम्हारी पहचान अंधेरे में तुम्हारी क्षमताओं का विस्तार बाधित होगा
सड़क पर आने से मत डरो मत डरो कि वहाँ कोई छत नहीं है सिर पर तुमने क्या महसूसा नहीं अब तक कि अपराध और अंधेरे का गणित एक होता है? और अंधेरा एक घर के अंदर भी कुछ कम नहीं है। डरना ही है तो अंधेरे से डरो घर के अंदर रहकर घर का अंधेरा बनने से डरो।