कृष्ण मटकी फोड़ गए

ND

साथ मेरा छोड़ गए
गम से रिश्ता जोड़ गए
सच न कह दे आइना
आईने को तोड़ गए

लहू की थी प्यास उनको
जिस्म जो निचोड़ गए
शेर को आते जो देखा
जानवर सब दौड़ गए

प्रेम करना सीख लिया
आत्मा के कोढ़ गए
गोपियाँ भरमा रहीं है?
कृष्ण मटकी फोड़ गए

बाप ने गलती जो देखी
कान फिर मरोड़ गए।

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