तेरी जो महिमा न्‍यारी

- उमेश ताम्‍बी

जैसे ही अमेरिका में आई वाय-टू-के की भ्रांति
आन्‍ध्रा-मंडी में मच गई कुल मिलाकर क्रांति
ग्‍वाल-बाल निकले बनने तंत्री
लूटने में लग गये संत्री मंत्री
कबू‍तरबाजी कर रहे आजकल के मंत्री


हीरे-मोतियों की दुकान बनी प्रयोगशाल
ले आये अलीगढ़ से हरीसन का ताला
हर नुक्‍कड़ पर लग गयी आईटी की पाठशाला
भर गयी संसार की हर कार्यशाला
देशियों का हुआ जो बोल-बाल

जब बढ़ गयी सायबराबाद में कुशल कर्मियों की मात्रा
लपक पड़ी यूएस तरफ बंधु-बांधवों की यात्रा
भूलने लगे अपनी व्‍याकरण, भाषा और मात्रा

गुन्‍टूर हो या भीलवाड़ा
कोई ना बाँधे पायजामे में नाड़ा
विद्यार्थियों ने भी बजाया नगाड़ा
हरदल हड्डी ढड्डे गवड़ा देवे गोवड़ा
इनकमिंग अधिक और आउटगोइंग थोडा़

रंग लाया भारतीय मसाला
कोई मिल गया गाँव वाला
कोई था यहाँ भाई का साला

कोई पहुँचे सीधे मधुशाला
सर्वत्र फैल गया गड़बड़ घोटाल
डंकिन-डोनट हो या सराय-समोसा
शक्‍ल के नाम पर मसाला डोसा
अक्‍ल पर न करें कोई भरोसा
निक्‍कर-कमीज में अब भी कोसा
वाह री किस्‍मत खूब बिरयानी परोसा

क्रिया-प्रक्रिसा का अंतर
पता नहीं बिच्‍छू का मंतर
वहाँ भगा रहे थे मच्‍छर
यहाँ चला रहे हैं खच्‍चर
कोई बन गये नभचर

कोई पहुँचे बनकर प्रियतम-बंधुजन
एच-वन वीसा से भर गया उपवन
विक्षिप्‍त मानसिकता को श्रद्धा सुमन
डॉक्‍टर-इंजीनियर, शोधकर्ताओं को मेरा नमन
सफल कर्मियों-उद्योगियों का हार्दिक अभिनंदन

वाह रे दुनिया, है ना अक्‍ल की मारी
कन्‍याकुमारी की नारी, अब बनी हड्सन की प्‍यारी
योग-विद्या बाँट रहे जगत में सन्‍त-पुजारी
साफ्टवेयर लिख रहे जब अवध-बिहारी
हे भारत माता तेरी महिमा न्‍यारी...

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