जॉर्जिया। ऑर्थोपीडिक बायोमेकेनिक्स एंड स्पोर्ट्स साइंसेज के क्षेत्र में योगदान देने के लिए डॉ. हरचरण सिंह रानू को अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसीन का फेलो बनाकर सम्मानित किया गया।
उन्होंने लंदन के हैम्पस्टीड स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च की ह्यूमन बायोमेकेनिक्स लैब में शोध कार्य किया। रानू ने 1995 में जब भारतीय ओलंपिक फील्ड हॉकी खिलाड़ी जब एटलांटा में थे तब खिलाड़ियों की माइक्रो फ्रैक्चर चोटों की कृत्रिम रचना की थी और इसी तरह से उन्होंने जिम्नास्ट्स, पोल वॉल्टर्स तथा स्कीइर्स के वाइवो माइक्रो-फ्रैक्चर चोटों का भी अध्ययन किया था।
रानू एटलांटा स्थित अमेरिकन ऑर्थोपीडिक बायोमेकेनिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष हैं जहां उन्होंने कमर के निचले हिस्से के दर्द को कम करने की एक तकनीक विकसित की है जिसे वे लेसरेक्टॉमी कहते हैं। उन्होंने लेसरेक्टॉमी शब्द को गढ़ा है।
उन्होंने बहुत सारी महत्वपूर्ण शोध करने के साथ साथ अफ्रीकी, एशियाई और मध्य-पूर्व एशिया के लोगों के लिए कृत्रिम घुटने का जोड़ विकसित किया है। यह जनसंख्या का वह हिस्सा है, जो पालथी मारकर बैठते हैं और जिन्हें अपनी पूजा के दौरान घुटनों को अधिक मोड़ना पड़ता है।