भारतीय-अमेरिकी पर भ्रामक संदेश भेजने के आरोप

संयुक्त राष्ट्र। भारतीय मूल के एक अमेरिकी उद्यमी और उसकी कंपनी पर स्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि उसने उपभोक्ताओं को उपहार कार्ड के झूठे वादे करने वाले लाखों अवांछित संदेश भेजे थे।

ऋषभ वर्मा और उनकी कंपनी वर्मा होल्डिंग्स संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) के आरोपों को निपटाने के लिए सहमत हो गई थी कि अमेरिका में उपभोक्ताओं को अवांछित संदेश उन्हीं की कंपनी ने भेजे थे।

एफटीसी ने एक बयान में कहा कि इन भ्रामक संदेशों में वादा किया गया था कि उपभोक्ताओं को वॉलमार्ट, टारगेट और बेस्ट बाय जैसे बड़े खुदरा स्टोर्स से 1 हजार डॉलर के मुफ्त उपहार कार्ड मिलेंगे।

एफटीसी के साथ मामले के निपटान की शर्तों के अनुसार वर्मा और उनकी कंपनी पर अवांछित और अनपेक्षित व्यावसायिक लिखित संदेश भेजने या ऐसा करने में दूसरों की मदद करने पर स्थाई प्रतिबंध लग जाएगा।

इसके साथ ही ये दोनों उपभोक्ताओं को झूठ नहीं बोल सकेंगे कि कोई उत्पाद ‘मुफ्त’ है या उन्होंने कोई पुरस्कार जीता है या उन्हें किसी उपहार के लिए चुना गया है या फिर मुफ्त माल भेजने के लिए उपभोक्ताओं की निजी जानकारी चाहिए। उन्हें 26 हजार डॉलर जुर्माने के रूप में भी देने होंगे।

एफटीसी ने वर्ष 2013 में अवांछित टैक्स्ट संदेश भेजने वालों और उपभोक्ताओं को उनकी संवेदनशील निजी जानकारी एकत्र करने वाली वेबसाइटों तक लाने के लिए उपहार कार्ड के झूठे वादे करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाया था। वर्मा और उनकी कंपनी एफटीसी के इस अभियान के प्रतिवादियों में से एक थी।

ये साइटें ट्रायल ऑफरों के लिए उपभोक्ताओं के क्रेडिट कार्ड की जानकारी भी मांगती थीं। मामले के निपटारे में 28 लाख डॉलर का आर्थिक फैसला हुआ लेकिन प्रतिवादियों द्वारा उसे भरने में सक्षम न होने पर यह निलंबित हो गया। (भाषा)

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