मणि भौमिक को चौधरी अवॉर्ड

गुरुवार, 25 अप्रैल 2013 (17:52 IST)
अमेरिका। कै‍‍लिफोर्निया में इंस्टीट्‍यूट ऑफ इंटीग्रल स्टडीज मणि एल. भौमिक को वर्ष 2013 का हरिदास और बीना चौधरी पुरस्कार से सम्मानित करेगा। भौमिक की विशिष्ट सेवाओं के लिए यह पुरस्कार 4 मई को पालो ऑल्टो में क्राउन प्लाजा काबाना होटल में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा।

भौमिक को यह पुरस्कार विज्ञान में उनके असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने अपने प्रयासों से अमेरिका और भारत में शिक्षा को उन्नत बनाने के प्रयास किए हैं। भौमिक एक प्रख्‍यात भौतिकीविद होने के साथ-साथ उन बहुप्रचारित पुस्तकों के लेखक भी हैं, जिनमें विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संबंध दर्शाया गया है।

उन्हें अमेरिका में एक्साइमर लेसर का विकास करने के लिए जाना जाता है। इस तकनीक का सर्वाधिक उपयोग लैसिक आई सर्जरी में किया जाता है। इस सर्जरी के चलते तीन करोड़ से अधिक लोगों की आंखों को लाभ हुआ है।

भौमिक ने सत्तर के दशक की शुरुआत में पहला सक्षम लेसर बनाया था जो अपने 'कोल्ड कट' कर सकता था। इस तरह के सर्जिकल चीरे से ना तो ऊतक जलते थे अथवा न ही उनमें कोई गंभीर घाव होता था। बाद में इसी के विकास से लेसर आई सर्जरी का विकास हुआ।

उनकी बहुत सी धर्मार्थ गतिविधियों में एक भौमिक एजुकेशनल फाउंडेशन है जिसके कोलकाता में कार्यालय हैं। जो गरीब और प्रतिभाशाली छात्र विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनका यह फाउंडेशन ऐसे छात्रों को पूरी छात्रवृत्ति देता है।

भौमिक एक ग्रेजुएट स्कॉलरशिप पर अमेरिका आए थे और तब उनकी जेब में केवल तीन डॉलर थे, पर अपनी प्रतिभा और कड़े परिश्रम के बल पर उन्होंने एक्साइमर लेसर का विकास किया और वे एक सफल उद्यमी बने।

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