द लैंसेट की ओर से बुधवार को प्रकाशित वैश्विक स्वास्थ्य समीक्षा में देश को वायु प्रदूषण, स्वच्छता, हैपेटाइटिस बी और अन्य मापकों पर बहुत कम अंक मिले हैं। इस प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित 'द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज' नामक अध्ययन में इन लक्ष्यों तक पहुंचने को लेकर विश्व की स्थिति से जुड़ नए आकलन दिए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कुछ देशों ने उल्लेखनीय प्रगति की है, वहां अब भी बहुत अधिक प्रगति की जरूरत है। यह अध्ययन 188 देशों के 1990-2014 तक के रुझान और 2030 की संभावनाओं को लेकर किया गया पहला समग्र विश्लेषण है। विश्लेषण में स्वास्थ्य संबंधी समग्र एसडीजी सूची के अनुसार देशों को रैंक प्रदान किया गया है।
सिंगापुर, आइसलैंड और स्वीडन इस सूची में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले देशों में हैं, जबकि सोमालिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और अफगानिस्तान सबसे निचले स्थान पर हैं। ब्रिटेन इस सूची में 10वें स्थान पर है, लेकिन अन्य देशों की तुलना में बाल यौन शोषण, शराब के उपभोग, धूम्रपान और अधिक वजन वाले बच्चों के मापदंड पर उसका प्रदर्शन बहुत खराब रहा है।
अमेरिका को 24वां स्थान मिला है, लेकिन खुदकुशी, बाल यौन शोषण और शराब के उपभोग जैसे क्षेत्रों में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पड़ोसी देश चीन का वायु प्रदूषण, सड़क दुर्घटना में जख्मी होने, विषाक्तता और धूम्रपान जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन खराब रहा है और उसे सूची में 74वां स्थान मिला है। (एजेंसियां)