यौन हिंसा के अपराधियों को ऑस्ट्रेलिया में पासपोर्ट नहीं...

कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया दुनिया में ऐसा पहला देश है जिसने यौन हिंसा के अपराधियों को पासपोर्ट नहीं देगा। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला देश होगा जोकि यौन हिंसा से लिप्त रहे लोगों को नागरिक पासपोर्ट ना देने का फैसला प्रभावी ढंग से स्वीकार कर सके।  
 
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपनी तरह की एक अनोखी योजना का प्रस्ताव संसद के सामने रखा था। इसके तहत वे सभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे, जिन पर यौन हिंसा का मुकदमा चल रहा है।
 
न्याय मंत्री माइकल कीनन ने कहा कि ये फैसला लगभग 20 हजार आरोपियों को प्रभावित करेगा, जिन्होंने अपनी सजा तो पूरी कर ली लेकिन फिर भी वे सरकार की निगरानी में हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बताया कि यौन हिंसा के वे अपराधी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और जिनका नाम अब रिकार्ड्स में नहीं है।
 
कीनन ने कहा कि, इस प्रवृत्ति के अपराधियों से अन्य देशों और बच्चों को बचाने के लिए अपने देश के नागरिकों को रोकने का यह कठोर निर्णय पहली बार किसी देश की सरकार ने लिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यौन हिंसा के 800 आरोपी ऑस्ट्रेलिया से अन्य देशों में गए हैं।
 
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अनुसार लगभग 3200 यौन हिंसा के अपराधी कभी भी पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे, क्योंकि वे आजीवन सरकार की निगरानी में हैं। कीनन ने चाइल्ड सेक्स टूरिज्म को एक जघन्य अपराध बताया।
 
यह प्रस्ताव ऑस्ट्रेलियाई संसद में स्वतंत्र सीनेटर और यौन हिंसा से जुड़े मामलों में और कड़े कानून के लिए प्रयासरत सामजिक कार्यकर्ता डेरिन हिंच की मदद से पहुंचाया जा सका है। हिंच ने कहा कि  यह नियम बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। हिंच ने मीडिया से यह भी कहा कि बाली, थाईलैंड  जैसी जगहों पर आपको स्थानीय बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलियाई पुरुष दिख जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे  लोग वहां उन बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार करते हैं।
 
बता दें कि पिछले साल,ऑस्ट्रेलियाई नागरिक रॉबर्ट एंड्र्यू फिडेस एलिस इंडोनेशिया में 11बच्चियों के साथ यौन दुर्व्यवहार का दोषी पाया गया था। एलिस को 15 वर्ष जेल की सजा हुई थी।

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