हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के वरिष्ठ निदेशक एवं 'हिन्दूज इन साउथ एशिया एंड द डायस्पोरा : ए सर्वे ऑफ ह्यूमन राइट्स, 2017' के लेखक समीर कालरा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और म्यांमार सरकार को निश्चित रूप से इस जटिल विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की दिशा में एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए।
एचएएफ ने कहा कि अभी और ऐसे सामूहिक कब्रगाहों के मिलने की संभावना है, क्योंकि हाल में जो शव बरामद हुए हैं, वे 25 अगस्त को आतंकवादी समूह 'आर्किन रोहिंग्या सॉल्वेशन आर्मी' के हमले का शिकार हुए 100 हिन्दुओं के समूह से जान पड़ते हैं। सऊदी अरब में रोहिंग्या प्रवासी इस आतंकवादी समूह का संचालन करते हैं। (भाषा)