भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ने जीता स्प्रिंगर थीसिस पुरस्कार

सिंगापुर। सिंगापुर में एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक को चिकित्सा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट  अनुसंधान के लिए सिंगापुर के प्रतिष्ठित 'स्प्रिंगर थीसिस पुरस्कार' से नवाजा गया है। वैज्ञानिक  ने महत्वपूर्ण 'ए-20' नामक ट्यूमर सप्रेसर (ट्यूमर विकसित होने से रोकने वाले) पर अध्ययन  के लिए ट्रांसजेनिक चूहा विकसित किया है।
 

 
वैज्ञानिक अर्णब डे की थीसिस को न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने नामित किया था। इससे  पहले डे मधुमेह के उपचार में सहायक 'पेप्टाइड आधारित प्रोड्रग्स' का ईजाद कर चुके हैं और  इसके लिए उन्हें अमेरिकन पेप्टाइड सिम्पोसियम में 'यंग इन्वेस्टर अवॉर्ड' से सम्मानित किया  जा चुका है।
 
उत्कृष्ट पीएचडी अनुसंधान को बढ़ावा देने के मकसद से नामचीन विज्ञान पत्रिकाओं और  पुस्तकों का वैश्विक प्रकाशक 'स्प्रिंगर' यह थीसिस पुरस्कार देता है।
 
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष स्तर की अनुसंधान संस्थाएं पुस्तक श्रृंखला - 'स्प्रिंगर थीसिस :  रिकॉगनाइजिंग आउटस्टैंडिंग पीएचडी रिसर्च' में प्रकाशन के लिए सालाना अपनी सर्वश्रेष्ठ  थीसिस का चयन करती हैं। इसके अलावा विजेताओं को 500 यूरो का नकद पुरस्कार भी दिया  जाता है। अनुसंधान कार्य यूरोपीयन मॉलेक्यूलर बायोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (ईएमबीओ) रिपोर्ट्स  द्वारा उल्लिखित किया गया।
 
डे ने अपनी पीएचडी थीसिस को महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अपनी मातृ संस्था  प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी को समर्पित किया है।
 
डे ने कहा कि दो चीजें मुझे सबसे अधिक प्रेरित करती हैं। वे हैं- खेल और शिक्षा। यह थीसिस  सचिन तेंदुलकर को इसलिए समर्पित है, क्योंकि उनके कारण न केवल मुझे अच्छी क्रिकेट  देखने को मिली बल्कि वे सभी नौजवान भारतीयों के लिए निरंतर प्रेरणा के स्रोत भी बने रहे हैं।  (भाषा)

 

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