फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी का यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधि के रूप में बीजिंग ओलिम्पिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने का निर्णय विवाद का विषय बनता जा रहा है।
यूरोपीय संसद के मुखिया हांस गर्ट पोयटरिंग ने सरकोजी के निर्णय को मानवाधिकार व तिब्बत के मुद्दे को लेकर चीन पर दबाव बनाने की यूरोपीय यूनियन की कोशिश की फजीहत करार देते हुए ओलिम्पिक खेलों के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि सरकोजी ने बुधवार को कहा था कि वे चीन की बीजिंग में आठ अगस्त को शुरू होने वाले ओलिम्पिक खेलों के उद्घाटन समारोह में यूरोपीय यूनियन के प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लेंगे। फ्रांस 27 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन का अध्यक्ष है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए पोयटरिंग ने कहा कि मानवाधिकारों और तिब्बत की स्वायत्तता के मुद्दे पर चीन और आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुँचने की वजह से वह ओलिम्पिक खेलों की शुरुआत की परम्परागत रस्म में शामिल नहीं होंगे।
यूरोपीय यूनियन के विधि निर्माताओं ने भी सरकोजी के निर्णय को आड़े हाथ लिया है। यूरोपीय संसद के उपाध्यक्ष एडवर्ड मैकमिलन स्कॉट ने असेम्बली में कहा सरकोजी के इस निर्णय से यूरोप ने मानो समर्पण कर दिया है।
इस दाग को धोने के लिए यूरोप को सरकोजी को बीजिंग से दूर रखना होगा। यूरोपीय यूनियन के एक अन्य नेता ने सरकोजी को पाखण्ड करने और यूरोप को नीचा दिखाने का आरोपी करार दिया।