जब रोए साइना और गोपीचंद...

मंगलवार, 7 अगस्त 2012 (21:56 IST)
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बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल को ‘बेजोड़’ करार करते हुए उनके कोच पुलेला गोपीचंद ने आज कहा कि अगर साइना ने ओलिंपिक पदक नहीं जीता होता तो उनकी जिंदगी अधूरी रहती। साइना और गोपीचंद मंगलवार को लंदन से लौटे हैं।

गोपीचंद ने साइना के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस पदक के बिना, मैं अधूरा महसूस करता। मैं इससे ज्यादा क्या कह सकता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने एक दिन सपना देखा था कि हम ओलिंपिक पदक लाएंगे। मेरे सारे लक्ष्य पूरे हो गए हैं, लेकिन यह सचमुच चुनौतीपूर्ण था।

पिछले साल कई उतार-चढ़ाव हुए थे। साइना 11 विभिन्न खिलाड़ियों से हारी थीं। सफलता से पहले वे किस दौर से गुजरे हैं, गोपीचंद ने इसका खुलासा करते हुए कहा‍ कि जब वे डेनमार्क के टूर्नामेंट में हार गई थीं तो वे मेरे पास रोती हुई आई थीं और उसने कहा कि भैया यह नहीं हो रहा है।

वह रो रही थी और मैंने भी रोना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने उससे कहा कि हम ओलिंपिक पदक जीतेंगे। गोपीचंद ने सपने को सच करने के लिए की गई कठिन ट्रेनिंग के बारे में भी बात की। गोपीचंद ने कहा कि रात में साढ़े नौ बजे तक लाइट बुझा दी जाती क्योंकि हमें ट्रेनिंग के लिए तड़के साढ़े चार बजे पहुंचना होता था।

मैं एक भी सत्र चूकना नहीं चाहता था। सारी कड़ी मेहनत का फल मिल गया। यह पूछने पर कि क्या वे साइना को अब तक की देश की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी मानते हैं, इस पर गोपीचंद ने कहा कि वे बेजोड़ हैं। उन्होंने हम सभी से बेहतर प्रदर्शन किया है। मैंने उनसे कहा था कि अब उन्हें 2020 ओलिंपिक तक ध्यान लगाना चाहिए। उनके पास दो और ओलिंपिक खेल, दो एशियाई खेल और दो राष्ट्रमंडल खेल हैं। (भाषा)

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