नव-संवत्सर के दिन क्या करें

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घर को ध्वजा, पताका, तोरण, बंदनवार, फूलों आदि से सजाएँ व अगरबत्ती, धूप आदि से सुगंधित करें।
दिनभर भजन-कीर्तन कर शुभ कार्य करते हुए आनंदपूर्वक दिन बिताएँ।
सभी जीव मात्र तथा प्रकृति के लिए मंगल कामना करें।
नीम की पत्तियाँ खाएँ भी और खिलाएँ भी।
ब्राह्मण की अर्चना कर लोकहित में प्याऊ स्थापित करें।
इस दिन नए वर्ष का पंचांग या भविष्यफल ब्राह्मण के मुख से सुनें।
  घर को ध्वजा, पताका, तोरण, बंदनवार, फूलों आदि से सजाएँ व अगरबत्ती, धूप आदि से सुगंधित करें। दिनभर भजन-कीर्तन कर शुभ कार्य करते हुए आनंदपूर्वक दिन बिताएँ।      

इस दिन से दुर्गा सप्तशती या रामायण का नौ-दिवसीय पाठ आरंभ करें।
आज से परस्पर कटुता का भाव मिटाकर समता-भाव स्थापित करने का संकल्प लें।

प्रतिपदा व्रतफ
चिर सौभाग्य प्राप्त करने की कामना जिनके मन में हो, उन श्रद्धालुओं के लिए यह व्रत अति उत्तम है।
इससे वैधव्य दोष नष्ट हो जाता है।
यह व्रत करने से धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, व्यावहारिक आदि सभी काम बन जाते हैं।
इससे वर्षपर्यंत घर में शांति बनी रहती है।
इस व्रत के करने से दुःख-दारिद्र्‌य का नाश होता है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

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