* भगवान कहते हैं कि जो व्यक्ति इस प्रकार उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है, उसे हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। जो भिन्न-भिन्न धर्म-कर्म से पुण्य प्राप्त होता है, उन सबसे कई गुना अधिक पुण्य इस एकादशी का व्रत निष्ठापूर्वक करने से प्राप्त होता है।