त्रयोदशी का समापन दिसम्बर 13, 2024, शुक्रवार को सायंका 07 बजकर 40 मिनट पर।
इस व्रत की कथा, महत्व और मान्यता के अनुसार एक बार जब भोलेनाथ सती वियोग से दुखी होकर ध्यान मग्न हो गए थे और तीनों लोकों में राक्षस तारकासुर का अत्याचार चरम पर था, तब देवताओं ने कामदेव और रति की मदद से शिव जी का ध्यान भंग किया था। और इसके कारण शिव जी ने नाराज होकर अपने तीसरे नेत्र की अग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया।