Bhaum Pradosh Vrat 2021: 9 फरवरी को मंगल प्रदोष व्रत, पढ़ें महत्व, विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त
मंगलवार को माघ मास का कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत पड़ रहा है, इसलिए यह भौम (मंगल) प्रदोष व्रत है। यह व्रत 09 फरवरी 2021 को है। भौम प्रदोष व्रत जब किसी भी मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब यह व्रत रखा जाता है। मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम है। यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाता है।
हमें अपने दैनिक और व्यावहारिक जीवन में कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन रुपयों-पैसों का कर्ज लेना आवश्यक हो जाता है। तब आदमी कर्ज, ऋण तो ले लेता है, लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में कर्ज संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत लाभदायी सिद्ध होता है।
आइए जानें कैसे करें पूजन-
* हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसमें मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व माना गया है।
* भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जातक के जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
* इस दिन ब्रह्म मूहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
* अब चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर मौली बांधें। भगवान शिवशंकर की प्रतिमा या शिवलिंग विराजित करें। अब कच्चा दूध मिले जल से अभिषेक करें और गंगाजल अर्पित करके फूल, धतूरा, भांग अथवा मौसमी फल चढ़ाएं। धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं तथा शिवजी की आरती करें, भोग लगाएं।
* इसी तरह सायंकाल को भी मुहूर्त के अनुसार शुभ समय में शिवजी का पूजन करें।
* अगर मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि आती है, तो इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है तथा कर्ज से मुक्ति के लिए इस दिन शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी सिद्ध होता है।
* इस दिन मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से ऋण से जातक को जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
* इस व्रत-पूजन से मंगल ग्रह की शांति भी हो जाती है।
* मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
* इस दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करके बजरंग बली को बूंदी के लड्डू अर्पित करके उसके बाद व्रतधारी को भोजन करना चाहिए।
* भौम प्रदोष का व्रत बहुत प्रभावकारी माना गया है। जहां एक ओर भगवान शिव व्रतधारी के सभी दुःखों का अंत करते हैं, वहीं मंगल देवता अपने भक्त की हर तरह से मदद करके उसे उस बुरी स्थिति से बाहर निकालने में उसकी मदद करते हैं।