हर साल चित्रगुप्त पूजा (Chitragupt Pooja) दीपावली के बाद आने वाली भाईदूज/ भैया दूज के दिन की जाती हैं। यह दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पड़ता है, जिस दिन भगवान चित्रगुप्त का पूजन लेखनी के रूप में किया जाता है। इसके साथ ही भैया दूज के दिन लेखनी, दवात और पुस्तकों की भी पूजन किया जाता है। भगवान चित्रगुप्त भाईदूज के दिन हमारे जीवन के बहीखाते लिखते हैं तथा पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं, जो हम जीवन भर कर्म करते हैं।