Lord Chitragupta : वर्ष 2024 में भगवान चित्रगुप्त की जयंती या प्रकटोत्सव पर्व 14 मई, मंगलवार को मनाया जा रहा है। इन्हे कायस्थ समाज द्वारा कायस्थ समाज का वंशज माना जाता है। ब्रह्मा जी की काया से चित्रगुप्त जी उत्पन्न हुए, इसलिए उनके वंशजों को कायस्थ कहा जाता हैं।
इसी दिन गंगा सप्तमी पर्व भी मनाया जा रहा है। यह दिन वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इसी दिन चित्रगुप्त प्रकटोत्सव/ चित्रगुप्त जयंती पर्व तथा चित्रगुप्त दिवस भी मनाया जाता है।
पूजन के शुभ मुहूर्त 2024 :
इस वर्ष सप्तमी तिथि का आरंभ 13 मई 2024, को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होकर इसका समापन मंगलवार 14 मई को शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि के हिसाब से इस वर्ष चित्रगुप्त जयंती और गंगा सप्तमी पर्व 14 मई को पुष्य योग, वृद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी।
पूजन विधि-
- भगवान चित्रगुप्त की पूजा से पहले स्थान को साफ कर एक चौकी बनाएं।
- उस पर एक कपड़ा बिछा कर चित्रगुप्त का चित्र रखें।
- दीया जला कर गणपति जी को चंदन, हल्दी, रोली अक्षत, दूब, पुष्प व धूप अर्पित कर पूजा अर्चना करें।
- फल, मिठाई और विशेष रूप से इस दिन के लिए बनाया गया विशेष पंचामृत (दूध, घी कुचला अदरक, गुड़ और गंगाजल) और पान सुपारी का भोग लगाएं।
- परिवार के सभी सदस्य अपनी किताब, कलम, दवात आदि की पूजा करें और चित्रगुप्त जी के सामने रखें।
- सभी सदस्य एक सफेद कागज पर चावल का आटा, हल्दी, घी, पानी व रोली से स्वस्तिक बनाएं।
- उसके नीचे पांच देवी देवताओं के नाम लिखें, जैसे- श्री गणेश जी सहाय नमः, श्री चित्रगुप्त जी सहाय नमः, श्री सर्वदेवता सहाय नमः आदि।
- इसके नीचे एक तरफ अपना नाम पता व दिनांक लिखें और दूसरी तरफ अपनी आय व्यय का विवरण दें, इसके साथ ही अगले साल के लिए आवश्यक धन हेतु निवेदन करें। अब अपने हस्ताक्षर करें। और इसे पवित्र नदी में विसर्जित करें।
आज इस मंत्र से भगवान चित्रगुप्त की प्रार्थना की जाती है।
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।
लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।
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