Ganga Saptami 2024: जह्नु ऋषि ने भागीरथ ऋषि का आग्रह स्वीकार किया और गंगाजी को अपने कान से बाहर निकाला। जिस समय यह घटना घटी थी, उस समय वैशाख पक्ष की सप्तमी तिथि थी, इसलिए इस दिन से गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस दिन को गंगा का दूसरा जन्म माना और कहा भी जाता है। अत: जह्नु की कन्या होने की कारण ही गंगाजी को 'जाह्नवी' कहते हैं। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करते हैं।
4. इस दिन दीपदान भी किया जाता है। घाटों को दीपों सजाया जाता है।
5. जगमग दीपों के बीच गंगा आरती की जाती है।