2 इसके महत्व का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि यह अमावस्या पितरों को मोक्ष दिलाने वाली होती है। पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले दान, तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है।
3 साल भर 12 अमावस्याएं आती हैं। यदि निरंतरता में प्रत्येक अमावस्या को आप पितरों हेतु श्राद्ध नहीं कर पाते हैं तो कुछ अमावस्याएं विशेष तौर पर सिर्फ श्राद्ध कर्म के लिए शुभ मानी जाती हैं। फाल्गुन मास की अमावस्या उन्हीं में से एक है। सिर्फ श्राद्ध कर्म ही नहीं बल्कि कालसर्प दोष के निवारण हेतु भी अमावस्या का विशेष होता है।
4 वैसे तो श्राद्ध पक्ष में हमेशा उसी तिथि को श्राद्ध किया जाता है जिस तिथि को दिंवगत आत्मा परलोक सिधारती है, लेकिन यदि यह संभव न हो और किसी कारण वह तिथि मालूम न हो तो प्रत्येक मास में आने वाली अमावस्या को यह किया जा सकता है। इस कार्य के लिए वर्ष भर की अमावस्या तिथि में से भी फाल्गुन अमावस्या का अत्यंत महत्व है।