आज फाल्गुन माह की अमावस्या, 10 में से कोई एक उपाय कर देगा मालामाल
बुधवार, 2 मार्च 2022 (14:13 IST)
2 मार्च को है फाल्गुन माह (Falgun Amavasya) की अमावस्या। इस अमावस्या पर दो बहुत ही शुभ योग शिव और साध्य योग बन रहे हैं। इस माह की अमावस्या को पौराणिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन अमावस्या पर पवित्र नदियों में देवी-देवताओं निवास करते हैं। इसीलिए इस दिन नदियों में स्नान का महत्व बढ़ जाता है। आओ जानते हैं कि इस अमावस्या कर करें कौनसे 10 उपाय की आर्थिक संकट दूर होकर धन समृद्धि प्राप्त हो।
1. तर्पण करें : अमावस्या खासकर पितरों की मुक्ति एवं शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्धकर्म करने के लिए होती है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और धन संबंधी रुकावट समाप्त होती है।
2. व्रत रखें : यदि आप जीवन में सुख, शांति, संपत्ति और सौभाग्य चाहते हैं तो इस अमावस्या पर विधिवत व्रत करखने के बाद पूजा करें और पारण के समय पारण करें। इस दिन व्रत रखकर गरीबों को दान-दक्षिणा दें, जिससे पितरों को शांति और मुक्ति मिले।
3. सूर्यदेव को अर्घ्य दें : इस दिन नदी, कुंड, जलाशय या स्वच्छ तालाब आदि में स्नान करें। इस दिन नदी या जलाशाय के पास खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
4. पीपल की पूजा करें : इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं, पीपल की 7 परिक्रमा करते वक्त अपने पितरों को स्मरण करें।
5. शनि पूजा : इस दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें नीले फूल, काले तिल, काले साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा अर्पित करें।
6. शिव पूजा : इस दिन शिव, रुद्र और अग्नि का पूजन करें। उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें। इस दिन शिव मंदिर में जाकर पांचामृत से जिसमें गाय का कच्चा दूध मिला हो उससे शिवजी का अभिषेक करें।
7. दीपदान : परिवार पर से संकट हटाकर समृद्धि लाने के लिए आज 5 लाल फूल और 5 तेल के दीपक जलाकर बहते पानी में सूर्यास्त के बाद प्रवाहित कर दें।
8. लाल रंग का धागा: एक लाल रंग का धागा लेकर गले में पहनें और उसे अगले महीने की अमावस्या तक पहने रखें। फिर उसे रात के समय किसी विराने में गड्ढा खोदकर दबा दें।
9. कागजी बादाम और काजल की डिबिया: 8 कागजी बादाम और 8 काजल की डिबिया लेकर, रात के समय उन्हें एक काले कपड़े में बांध कर अपनी पैसों की अलमारी या तिजोरी के नीचे रख दें। अगले दिन उस काले कपड़े को बादाम और काजल की डिबिया समेत पानी में बहा दें।
10. खीर: इस दिन सूर्यास्त के बाद खीर बनाएं और उसका चंद्रदेव को भोग लगाकर खुद भी खाएं।