महाशिवरात्रि 2022 विशेष सामग्री : शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, 5 उपाय, 5 मंत्र, चालीसा और आरती
mahashivratri 2022
1 मार्च को महाशिवरात्रि है। यह (mahashivratri 2022) शिव जी का सबसे खास पर्व है। इस दिन की गई पूजा-अर्चना और मंत्र जाप से आरोग्य, धन-संपदा, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती है तथा अकाल मृत्यु टलती है। महाशिवरात्रि पर अगर आप मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही आप पूजन करके मनचाहे वरदान की प्राप्ति कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर में शिव जी का पूजन किया जाता है। पहले पहर की पूजा से ही सभी प्रकार के दोषों का नाश हो जाता है। दूसरे पहर की पूजा रात्रि में करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। तीसरे पहर की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है, जिससे हर प्रकार की मनोकामना की पूर्ति का प्रयोजन सिद्ध होता है और चौथे पहर की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है और इस पूजा से सभी प्रकार के दोष नष्ट होकर मोक्ष प्राप्ति होती है।
यहां पढ़ें महाशिवरात्रि के विशेष मुहूर्त, पूजन विधि, खास उपाय, शिव जी के मंत्र, चालीसा और आरती एक साथ-
महाशिवरात्रि के शुभ मुहूर्त- Mahashivratri 2022 Puja Timing
- फाल्गुन चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ- 1 मार्च, मंगलवार, अलसुबह 03.16 मिनट से
चतुर्दशी तिथि की समाप्ति. 2 मार्च, बुधवार, सुबह 1.00 बजे तक।
महाशिवरात्रि मंगलवार, 1 मार्च 2022
* अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11.47 से दोपहर 12.34 तक।
* विजय मुहूर्त- दोपहर 02.07 से दोपहर 02.53 तक।
* गोधूलि मुहूर्त- शाम 05.48 से 06.12 तक।
* सायंकाल के मुहूर्त- शाम 06.00 से 07.14 तक।
* निशीथकाल के मुहूर्त- रात्रि 11.45 से 12.35 तक।
महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर के पूजन मुहूर्त-
पहले पहर के पूजन का समय- मंगलवार, 1 मार्च 2022 को सायं 6.21 मिनट से रात 9.27 मिनट तक।
दूसरे पहर के पूजन का समय- 1 मार्च को रात्रि 9.27 मिनट से रात्रि 12.33 मिनट तक।
तीसरे पहर के पूजन का समय- 2 मार्च को रात्रि 12.33 मिनट से सुबह 3.39 मिनट तक।
चौथे पहर के पूजन का समय- 2 मार्च 2022 को सुबह 3.39 मिनट से 6.45 मिनट तक।
पारण का समय- बुधवार, 2 मार्च 2022, बुधवार को सुबह 6.45 मिनट से।
महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि- Mahashivratri 2022 Puja Vidhi
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त हो होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद मंदिर या घर, जिस जगह भी पूजन करना है, उस स्थान को साफ-स्वच्छ कर लें।
- फिर एक चांदी के पात्र में जल भरकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग पर जलाभिषेक और पंचामृत तथा गंगा जल से स्नान कराते समय ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करते रहें।
- तत्पश्चात सफेद आंकड़े के पुष्प, स्वच्छ और साबुत बिल्वपत्र अर्पित करें। सफेद चंदन अथवा गोपी चंदन से शिवलिंग या प्रतिमा को तिलक लगाएं।
- शिव जी को सफेद आंकड़े के पुष्प अर्पण करते समय शिव स्तुति का पाठ करें या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
- भांग, धतूरा, जायफल, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं।
- दिन भर भगवान शिव का ध्यान करें एवं स्तुति करें।
- सायंकाल या रात के समय में पुन: शिव जी का विधिवत पूजन-अर्चन करें।
- रात के समय खीर का प्रसाद दूसरों को बांटें और प्रसाद रूपी खीर का सेवन कर पारण करें।
- रात्रि जागरण में शिव भजन, मंत्र, श्लोक, स्तोत्र, चालीसा आदि का पाठ अवश्य करें।
5 सरल उपाय- Mahashivratri 2022 Remedies
- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग व मंदिर में शिव को गाय के कच्चे दूध से स्नान कराने पर विद्या प्राप्त होती है।
- शिव को गन्ने के रस से स्नान कराने पर लक्ष्मी प्राप्त होती है।
- भगवान शिव का पूजन दूर्वा से करने पर लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
- शुद्ध जल से शिवाभिषेक करने पर मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती है।
- शिवलिंग पर आंकड़े के फूल, बिल्वपत्र, अक्षत, दूध, फूल और फल चढ़ाने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
5 मंत्र- Mahashivratri Mantra
महाशिवरात्रि के दिन कम से कम 108 बार निम्न में से किसी भी शिव मंत्र का जप अवश्य करें। या अधिक से अधिक जप करें।