उत्तररांचल प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि (बद्रीनाथ) का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है और यहीं पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती होती है।
4. आरती देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने स्थल को अपनी रोशनी से जगमगा दिया हो।
5. पानी में पड़ता दीयों का प्रतिबिंब टिमटिमाते सितारों की तरह मालूम पड़ता है।
6. महाआरती की मधुर आवाज़ पूरे घाट में गूंजती हुई सुनाई पड़ती है।
7. हरिद्वार की तर्ज पर बाद में गंगा आरती का आयोजन ऋषिकेश, वाराणसी, प्रयाग और चित्रकूट में भी होने लगा। हरिद्वार की गंगा आरती को देखते हुए 1991 में वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर प्रारंभ हुई थी।