एकादशी तिथि प्रारम्भ- 16 जुलाई 2024 को रात्रि 08:33 से।
एकादशी तिथि समाप्त- 17 जुलाई 2024 को रात्रि 09:02 तक।
गौरी व्रत आषाढ़ महीने में 5 दिनों तक मनाया जाता है। यह शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू होता है और पांच दिनों के बाद पूर्णिमा के दिन, गुरु पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। गौरी व्रत को मोरकट व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
गौरी व्रत से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में खुशहाली आती है, अखंड सुहाग का वरदान मिलता है। तथा विवाह योग्य जातकों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।माता गौरी का यह मंगलकारी स्वरूप सिंदूरी आभा लिए हुए तथा इसका संबंध मंगल ग्रह और महिलाओं के अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति तथा संतान की रक्षा से है। देवी गौरी सुहाग और गृहस्थ सुख की देवी मानी जाती हैं।
पांच दिनों तक जो महिला इस व्रत को रख लेती हैं वो सुख, शांति, समृद्धि, आयु, संतान और अखंड सौभाग्य को प्राप्त करती हैं।