इस दिन पूजन के दौरान गोगादेव और नागदेवता पर दूध अर्पित करना चाहिए तथा दीवार को साफ-सुथरी करके गेरू से पोतकर दूध में कोयला मिलाकर चौकोर चौक बनाया जाता है और उसके ऊपर 5 सांप बनाते हैं। उसके बाद कच्चा दूध, पानी, रोली व चावल अर्पित किए जाते हैं तथा बाजरा, आटा, घी और शकर मिलाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है।
इस त्योहार की यह मान्यता है कि गोगादेव बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं अत: माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए गोगादेव की पूजा करती हैं तथा बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इतना ही नहीं, इस दिन अगर नि:संतान महिलाएं गोगादेव का पूजन करें तो उनकी गोद भी जल्दी ही संतान सुख से भर जाती है।