गुजराती कैलेंडर के अनुसार वहां इस सप्तमी का महत्व है। देवी शीतला को समर्पित इस पर्व को गुजराती परिवार और भक्त लोग मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी शीतला अपने भक्तों और उनके परिवारों को खसरा और चेचक से बचाती हैं। इसलिए, गुजरात में परिवार देवी शीतला का आशीर्वाद पाने के लिए शीतला सातम की रस्में निभाते हैं।
शीतला सातम पूजा मुहूर्त- प्रात: 05:56 से शाम 06:50 तक।
सप्तमी तिथि प्रारम्भ- 25 अगस्त 2024 को प्रात: 05:30 बजे से।
ब्रह्म मुहूर्त: 04:27 AM to 05:11 AM
प्रात: संध्या: 04:49 AM to 05:56 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:57 AM to 12:49 PM
अमृत काल मुहूर्त: 12:13 PM to 01:44 PM
गोधुली मुहूर्त काल: 06:50 PM to 07:12 PM
शीतला सातम के दिन सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान यह है कि घर में कोई भी ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। शीतला सातम के दिन खाया जाने वाला भोजन ठंडा और बासी होना चाहिए। इसलिए अधिकांश गुजराती परिवार पिछले दिन विशेष भोजन तैयार करते हैं जिसे लोकप्रिय रूप से रंधन छठ के रूप में जाना जाता है। इस दिन बनाए गए भोजन को अगले दिन खाते हैं और शीतला माता की पूजा उसी तरह करते हैं जिस तरह की अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में शीतला अष्टमी की पूजा होती है।