* ब्रह्मा, विष्णु, महेश के शक्तिपुंज हैं दत्तात्रेय...
धार्मिक पुराणों के अनुसार दत्त महात्म्य ग्रंथ में कहा गया है कि ईश्वर का चैतन्य स्वरूप सर्वत्र व्याप्त है। ईश्वर सब शर्तों से मुक्त है। इसीलिए वह ईश्वर है। जिस तरह नदियां अलग-अलग दिशाओं से बहकर समुद्र में मिलती है उसी तरह हम चाहे अलग-अलग नाम से ईश्वर की पूजा करें किंतु ईश्वरीय तत्व एक ही है।