अब परात में पानी भरें और शिव जी को स्नान कराएं फिर साफ कपड़ों से पोछ कर उनका श्रृंगार करें। वस्त्र के रूप में मौली को पहनाएं और हार, जनेऊ, मालाएं, पगड़ी आदि पहनाएं। फिर इत्र छिड़कर चंदन अर्पित करें, धूप, फूल, दीप, पान के पत्ते पर फल, मिठाई और मेवे आदि चढ़ा दें। शमीपत्री, बेलपत्र, 16 तरह की पत्तियां आदि जो भी लाए हैं वो भी अर्पित करें। फिर हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। आखिर में आरती करें। इस तरह यह पूजा संपन्न हो जाएगी।