कूष्माण्ड दैत्य के शरीर से ही कूष्माण्ड (कद्दू) की बेल उत्पन्न हुई थी, इसलिए कूष्माण्ड नवमी के कद्दू दान करने से अनंत कोटि फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति कद्दू के अंदर स्वर्ण, चांदी आदि रखकर गुप्त दान करता हैं तो उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
अक्षय नवमी अक्षय फल देने वाली मानी गई है। तथा राक्षस कूष्मांड का वध इसी दिन होने के कारण इसे kushmaand navami कहते हैं। इस तरह आंवला नवमी को अक्षय नवमी, कूष्मांड नवमी तथा आंवला नवमी के नाम से भी जनमानस में जाना जाता है।