महेश नवमी (Mahesh Navami) के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से लेकर अपार सुख, धन-संपदा, अखंड सौभाग्य और प्रसन्नता की प्राप्ति होती है। भगवान शिव जी की आज्ञा से ही इस समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोड़कर वैश्य धर्म को अपनाया था। इसलिए आज भी 'माहेश्वरी समाज' के नाम से इसे जाना जाता है।