Onam 2024: ओणम कब है और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

WD Feature Desk
शनिवार, 24 अगस्त 2024 (14:42 IST)
King Mahabali And Onam : धार्मिक मान्यता के अनुसार ओणम का पर्व दानवीर असुर बलि के सम्मान में मनाया जाता है। इस बार 15 सितंबर 2024 रविवार के दिन यह पर्व मनाया जाएगा। राजा बलि से श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान वामन ने तीन पग भूमि दान में मांग ली थी। दो पग में भगवान वामन से धरती, पाताल स्वर्ग आदि सभी को नाप लिया और तीसरे के लिए पूछा की इसे कहां रखूं तो राजा बलि ने कहा कि मेरे सिर पर रख दें प्रभु। यह सुननर श्री वामन अवतार विष्णु जी ने प्रसन्न होकर उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताललोक का राजा बना दिया था। राजा बलि हर साल पृथ्‍वीलोक पर स्थित अपने शहर को देखने आते हैं। इसीलिए राजधानी महाबलीपुरम के राजा बलि के स्वागत में ही यह पर्व मनाया जाता है। 
 
15 सितंबर 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
थिरुवोणम् नक्षत्रम् प्रारम्भ- १४ सितम्बर २०२४ को ०८:३२ पीएम बजे से।
थिरुवोणम् नक्षत्रम् समाप्त- १५ सितम्बर २०२४ को ०६:४९ पीएम बजे तक। 
 
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:33 से 05:19 तक।
प्रात: संध्या पूजा मुहूर्त: प्रात: 04:56 से 06:06 तक।
अमृत काल : सुबह 09:10 से 10:39 तक।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:51 से दोपहर 12:41 तक।
विजया मुहूर्त: दोपहर 02:19 से 03:09 तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:26 से 06:49 तक।
संध्या काल पूजा मुहूर्त: शाम 06:26 से 07:36 तक।
निशीथ काल पूजा मुहूर्त: रात्रि 11:53 से 12:40 (16 सितंबर) तक।
Onam Story
आइए जानते हैं करते हैं इस दिन- 
• ओणम उत्सव केरल में 10 दिन तक चलने वाला त्योहार है, जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
• ओणम पर्व फसल और उसकी उपज के लिए मनाया जाने वाला त्योहार हैं।
• घरों में आकर्षक साज-सज्जा की जाती है।
• फूलों की रंगोलियां बनाकर राजा बलि के स्वागत किया जाता है। 
• ओणम पर्व पर कई तरह के पकवान बनाकर भोग अर्पित किया जाता है।
• इस दिन दीपक जलाने की भी परंपरा हैं।
• इन दिन घर के आंगन में फूलों की रंगोली 'ओणमपुक्कलम'बनाई जाती हैं।
• ओणम पर साद्य, खीर आऊप्रथमन, चावल, नारियल के दूध व गुड़ से बने व्यंजन, पायसम, केले का हलवा, नारियल चटनी, चावल के आटे को भाप में पका कर कई तरह की सब्जियां मिलाकर अवियल, सांभर आदि के साथ 64 प्रकार के पकवान बनाने की परंपरा है।
• केरल के पारंपरिक भोज ओनसद्या को केले के पत्ते पर परोसा जाता है।
• दीये की रोशनी के साथ फूलों की रंगोली को सजाया जाता है। 
• इस दिन गले मिलकर शुभकामनाएं देने और साथ मिलकर पर्व मनाया जाता है। 
• ओणम पर्व के दिन घर के आंगन में राजा महाबलि की मिट्टी से बनी त्रिकोणात्मक मूर्ति को कलाकृतियां से सजाया जाता है, तथा ओणम की समाप्ति पर यानी राजा बलि के चले के बाद उन्हें हटाया जाता हैं।
 
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