seeta jayanti : वर्ष 2024 में जानकी प्रकट उत्सव या सीता नवमी का पावन पर्व 16 मई, दिन गुरुवार को मनाया जा रहा है, आइए यहाँ जानते हैं माता सीता की जन्मकथा के बारें में...
कथा : वाल्मिकी रामायण की पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मिथिला में पड़े भयंकर सूखे से राजा जनक बेहद परेशान हो गए थे, तब इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें एक ऋषि ने यज्ञ करने और धरती पर हल चलाने का सुझाव दिया।
ऋषि के सुझाव पर राजा जनक ने यज्ञ करवाया और उसके बाद राजा जनक धरती जोतने लगे। तभी उन्हें धरती में से सोने की खूबसूरत संदूक में एक सुंदर कन्या मिली।
इससे पहले राजा जनक की कोई भी संतान नहीं थी, इसलिए उस कन्या को हाथों में लेकर उन्हें पिता प्रेम की अनुभूति हुई। राजा जनक ने उस कन्या को सीता नाम दिया और उसे अपनी पुत्री के रूप में अपना लिया।
इसी कारण रामायण के अनुसार माता सीता को जानकी कहकर संबोधित किया गया है। और माता सीता के सम्बन्ध में प्राप्त जन्म कथा के अनुसार सीता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं इसलिए उन्हें देवी जानकी भी कहा जाता है।